विश्व पर्यावरण दिवस पर जल मंथन संगोष्ठी का आयोजन, विधायक धीरेंद्र सिंह ने की शिरकत

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आज ‘एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोसियेशन (ई.एस.डी.ए.) ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर नोयडा के इंदिरा गाँधी कला केन्द्र मे “जल मंथन” का आयोजन किया किया. नोयडा व ग्रेटर नोयडा के आर. डब्लू. ए. व अँनेक सामाजिक संगठन जैसे फौनरवा, नोयडा लोक मंच, जी-वन, लॉयंस क्लब, नोयडा इन्टेर्प्रेनर असोसियेशन, नेहरू युवा केन्द्र, प्रकाश अस्पताल व ग्राम पंचायतें इस कार्यक्रम मे सहयोगी रही.
कार्यक्रम की अध्यक्षता बी. जे. पी. के राष्ट्रीय सचिव श्री तीरथ सिंह रावत ने की. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नोयडा विधायक माननीय पंकज सिंह रहे तथा विशिष्ट अतिथि जेवर विधायक श्री धीरेँद्र सिंह, पूर्व मंत्री श्री नवाब सिंह नागर, मेरठ जॉन के जेल डी. आई. जी. डॉ. वी. के. शेखर, नोयडा प्राधिकरण के डी.सी.ई.ओ. श्री शौम्य श्रीवास्तव, एवं जिला जेल अधीक्षक श्री एम. एल. यादव रहे. मुख्य वक्ता के रूप मे साध्वी गूरूमा कंचन गिरी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अडिस्नल डाइरेक्टर श्री वी. पी. यादव, उत्तराखंड राज्य संस्थापक स्वामी दर्शन भारती एवं ग्रीन मैन डॉ सुरेश देशवाल ने जल संरक्षण के लिये अपने विचार व्यक्त किये.
कार्यक्रम के संयोजक एवं ई.एस.डी.ए. के राष्ट्रीय महासचिव डॉ जितेंद्र नागर ने अपने वक्तव्य मे बताया कि हमारा उद्देश्य शहर एवं गाँवों मे पानी को बचाने की जन जाग्रति लानी है और पानी की बरबादी को रोकना है. शहरों मे आर.ओ. से साफ पानी का तीन गुना पानी बर्बाद होता है जबकि उस वेस्ट पानी को भी सफाई व बगीचे मे प्रयोग किया जा सकता है. आजकल गाँवों के अधिकाँश घरो मे सबमर्शिबल लग गये जिससे ज़रूरत से दस गुना अधिक पानी का दोहन हो रहा है और भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. अनेक गाँवों का पानी प्रदूषित हो गया है जिससे केँसर जैसी जानलेवा बीमारीया लोगो को हो रही है. हम इस जल मंथन के माध्यम से जिले के जन प्रतिनिधियों, प्रसाशनिक अधिकारियों, समाज सेवियों, प्रधानों व आर डब्लू ए को इस गम्भीर विषय के बारे मे चिंतन करवाना चाहते है और भविष्य के लिये नयी योजनाएँ जिससे हम आने वाली पीढीयो को जल उपलबढ़ करवा सके.
मुख्य अतिथि श्री पंकज सिंह ने कहा कि यह बहूत सराहनीय आयोजन है और अब हम बिना पर्यावरण को ध्यान रखे कोई भी नीति नही बना सकते. हमे गम्भीरता से अपने प्राक्रतिक संसाधनों को बचाना होगा. मुख्य वक्ता वी. पी. यादव ने बताया कि प्रक्रति मे सभी संसाधन निश्चित है. अगर हम उनका दुरुपयोग करेंगे तो वो समाप्त हो जायेंगे. गाँवों व शहरों मे पुन: तालाब व झीलों का पुँरुथान करना होगा और नदियों को प्रदूषित होने से रोकना होगा.
गूरूमा कंचन ने कहा कि प्रक्रति की सेवा से बड़ी कोई सेवा नही है इसलिये सबको प्रक्रति को बचाने के लिये आगे आना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होगे और नदियों मे पानी को बचाना होगा. स्वामी दर्शन भारती ने कहा सभी ग्रंथों मे लिखा है कि जल ही जीवन है इसलिये सभी मानव जाती को मिलकर जल संसाधनों को बचाना होगा. सरकार व समाज को एक साथ मिलकर इसमे कार्य करना होगा.
श्री तीरथ रावत ने अपने अध्यक्षीय भाषण मे कहा कि मोदी जी स्वयं गँगा व अन्य नदियों को पूँरजिवित करने मे लगे हुए है और सरकार ने नदी संरक्षण का नया मंत्रालय भी बनाया है. हम सरकार से गुजारिश करेंगे कि वो प्रत्येक जिले मे जल संसाधनों को सरक्षित करे और उसमे समाज सेवियों को भी जोड़े.
अंत ने सभी ने जल संरक्षण व पानी की बरबादी रोकने की शपथ ली. फौनरवा के अध्यक्ष ठाकुर एन. पी. सिंह ने नोयडा मे सभी आर.डब्लू.ए. के साथ मिलकर पूरे शहर मे पानी बचाने की मुहिम चलाने का संकल्प लिया और सभी संघठन के पदाधिकारियों ने भी शपथ ली. धन्यवाद भाषण मेजर रूप सिंह ने किया और घोषणा की ई एस डी ए अब गाँव गाँव जाकर लोगो को सबमर्सिबल से पानी का दोहन रोकने के लिये एवं गाँवों मे तालाबों की सफाई व खुदाई का कार्य करेगी तथा शहरों मे प्रत्येक कॉलोनी व सेक्टर मे लोगो को जागरूक करेगी.
कार्यक्रम मे व्यापर संघ के ओम्वीर अवाना, ग्रेटर नोयडा के इल्म सिंह नागर, आर. एन. श्रीवास्तव, रवींद्र कसाना, मनोज कटारिया, डॉ वी. एस. चौहान, मूलचंद, अशोक कुमार, डॉ सरोज, हरेंद्र नागर, नरेंद्र भाटी, ममता गुप्ता, डॉ शशि नागर, राहुल मलिक, महेंद्र नागर, आदित्य घड़ियाल, धर्मेंद्र नागर, रिया चौधरी, डॉ ज्ञानेंद्र सिंह, वीरेश भाटी, अमित पहलवान, डॉ सविता तनेजा, जालेँद्र आर्य, हरीश लोहिया, रमन आड्वोकेट्, तेजवीर नेताजी, आदि लोग उपस्थित रहे.

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