कवि दीपक शंखधार ने “साहित्य सुनाओगे तो संस्कार पाओगे ” : NAI PEHAL NOIDA

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ROHIT SHARMA , TEN NEWS

नोएडा में स्थित नोएड़ा स्टेडियम में नयी उभरती हुई प्रतिभाओं को मंच देने के उद्देश्य से नोएडा की संस्था “नई पहल” द्वारा आयोजित पाँचवा युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ टी एस दराल जी जी एवं संचालन युवा कवि उदय द्विवेदी जी ने किया । मुख्य अतिथि के रूप में एस.पी (एसटीएफ,यूपी) श्री राजीव नारायण मिश्र जी उपस्थित रहे । काव्यपाठ करने वाले अन्य कवियों में सर्वश्री अरुण चंद्र राय ,भूपेंद्र त्यागी,कवियित्री कीर्ति रतन सिंह ,विनोद पांडेय,कवियित्री दीपाली जैन ,युवा कवि दीपक शंखधार,युवा कवि कमल हरफनमौला जी प्रमुख थे ।कवि सम्मलेन का आगाज दीप प्रज्वलन के पश्चात कवियित्री कीर्ति ‘रतन’ सिंह  के सरस सरस्वती वंदना से हुआ ।नवोदित कवि कमल हरफनमौला ने “अरे वीरों की माँओं से पूछो, वीर कैसे जनती हैं  ” पंक्तियाँ पढ़कर जैसे ही कवि सम्मेलन की शुरुआत की वैसे ही पूरा सदन तालियों से गूँज उठा । नोएडा के नवोदित कवि दीपक शंखधार  ने “साहित्य सुनाओगे तो संस्कार पाओगे  ” शीर्षक से कविता पढ़ कर खूब वाहवाही लूटी साथ-साथ ही कविता में साहित्य के प्रभाव का वर्णन भी किया । कवियित्री दीपाली जैन  ने ” ये मसअला नहीं कि तुमको प्यार है कि नहीं ” रचना पढ़ कर महफ़िल में प्रेम और श्रृंगार के रस में घोल दिया ।साथ ही साथ हास्य के छंद पढ़ कर  लोगों को खूब गुदगुदाया भी । हास्य कवि विनोद पांडेय ने कालेधन और नोटबंदी पर पर हास्य कविता पढ़ी । उनकी व्यंग्य की पंक्तियाँ “बाबा रामदेव जी की जब से दुकान खुली,बड़े बड़े लोग भी बंगले झाँकने लगे  ” खूब सराही गयी । युवा कवि उदय द्विवेदी जी ने भी राजनीति पर कविताओं के माध्यम से खूब चुटकी ली । कवियित्री कीर्ति रतन ने “जिसकी हमको है जरुरत वो खुदा देता है ” शेर पढ़कर सभी का मन मोह लिया । कवि एवं नाटककार भूपेंद्र त्यागी ने “इस बदले फैशन ने क्या हाल बना डाला ” पढ़कर सामायिक स्थितियों पर कटाक्ष किया ,साथ ही साथ उनके द्वारा प्रस्तुत एक नाटक के कुछ दृश्य लोगों को झकझोर दिया ,सामाजिक ताने-बाने पर प्रस्तुत नाटक में माँ और बेटे के रिश्ते का भावनात्मक पहलू दिखाया गया गया था जिसे सभी ने खूब सराहा । वरिष्ठ कवि अरुण चंद्र राय जी ने अपनी संजीदा कविताओं से लोगों के दिल तक पहुँचने में सफलता पायी । उनकी कविता “खुली रखिये अपनी खिड़कियाँ “को सबने बहुत पसंद किया ।  अंत में डॉ टी एस दराल जी ने हास्य कविताओं के साथ-साथ लोगों तक सामाजिक सन्देश भी पहुँचाने का प्रयास किया,नोटबंदी पर प्रस्तुत उनकी हास्य पैरोडी “जाने वो कैसे लोग जो कहते दो ही हजार मिले “पर खूब ठहाके लगे ,अध्यक्ष महोदय ने कविता में हँसाने के साथ-साथ रोगों को दूर भगाने हेतु और सिगरेट,तम्बाकू जैसे घातक नशा को छोड़ने हेतु काव्यमय प्रभावशाली सन्देश भी दिया जो सभी लोगों को बहुत पसंद आया । कार्यक्रम के अंत में अतिथि श्री राजीव नारायण मिश्र जी ने नई पहल के इस प्रयास को बेहद स्तरीय बताया और विश्वास व्यक्त किया कि एक दिन नई पहल की गूँज पुरे देश में होगी । उन्होंने सभी कवियों के कविताओं को खूब प्रशंसा की ,आयोजकों को एक सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी और भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ दी।।कवि सम्मेलन में उपस्थित सभी सुधी श्रोताओं ने खूब कविताओं का आनंद लिया साथ ही साथ कवियों के उत्साहवर्धन में जरा भी तालियाँ कम नही पड़ने दी।कवि सम्मेलन में नोएडा के कई सम्मानित लोग उपस्थित रहें जिनमें फोनरवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सर्वश्री सुरेश तिवारी,समाजसेवी महेन्द्र अवाना,आर डब्लू ए सेक्टर २५ महासचिव राजीव गर्ग,प्रोजेक्ट इंजीनियर एस सी मिश्रा,गुलशन शर्मा जी का नाम उल्लखनीय है ।

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