राज्य कर्मियों की हड़ताल से जिले में ठप्प रहा कामकाज
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी मंगलवार से अनिश्चित कालीन धरने पर चले गए। राज्य कर्मियों की हड़ताल का पहले दिन ही असर दिखा। कलेक्ट्रेट, विकास भवन, बीएसए और डीआईओएस कार्यालय में पूरी तरह से कामकाज ठप्प रहा। इस दौरान आपात कालीन सेवाओं को बहाल रखने की डीएम ने अपील की थी, मगर कर्मचारियों ने अपील को ठुकरा दिया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और राज्य कर्मचारी महासंघ के आहवान पर राज्य कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को मंगलवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी गई। मंगलवार की सुबह सभी कर्मचारी विकास भवन पर एकत्र हुए और गेट पर ताला लगा दिया और गेट के सामने हड़ताल पर बैठ गए। हड़तालियों ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। सीडीओ, पीडी और कुछ अधिकारी अपने आॅफिस में किसी तरह पहुंचे और खाली बैठे रहे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के जिलाध्यक्ष अंबा प्रसाद शर्मा ने बताया कि राज्य कर्मचारियों को 8, 16 और 24 वर्षों की सेवा के आधार पर तीन प्रमोशन पद का ग्रेड वेतन दिया जाए। वेतन समिति के प्रस्ताव को लागू किया जाए। नई पेंशन व्यवस्था को समाप्त करके पुरानी को लागू किया जाए। कुल 15 सूत्रीय मांगे शासन को दी गई है, मगर एक भी मांग को नहीं माना गया है। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, हड़ताल जारी रहेगी। किसी भी विभाग में राज्य कर्मचारी काम नहीं करेंगे। शासन ने राज्य कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर जिलाधिकारी को आपात कालीन सेवाओं को बहाल रखने का निर्देश दिया था। जिसके बाद जिलाधिकारी ने सोमवार को राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिलाधिकारी ने आपात कालीन सेवाओं को बहाल रखने की अपील की थी। मंगलवार को जब कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हुई तो आपात कालीन सेवाएं देख रहे कर्मचारी अपनी ड्यूटी करते दिखे। इसकी सूचना जब विकास भवन में बैठे कर्मचारियों को मिली तो वह विकास भवन में वह कलेक्ट्रेट पहुंचे गए। वहां उन्होंने आबकारी, जिलापूर्ति और ट्रेजरी विभाग के आॅफिस में जाकर काम काज बंद कराया और उन्हें काम-काज को बिल्कुल बंद रखने की हिदायत दी। इसके बाद सभी कर्मचारी डीएम आॅफिस के सामने पहुुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। वहां से सभी कर्मचारी बीएसए और डीआईओएस आॅफिस पहुंचकर काम बंद कराया।