चुनाव खत्म, विकास की बढ़ी चिंता

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लोकसभा चुनाव की काउंटिंग संपन्न होने के साथ ही सभी विभागीय अधिकारियों को विकास कार्यों की चिंता भी सताने लगी है। अभी तक चुनाव आचार संहिता का बहाना था, लेकिन अब चुनाव संपन्न होने के बाद विकास कार्यों की समीक्षा तेज कर दी जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2013-14 शुरू होने से पहले ही चुनाव आचार संहिता लग गई थी। जिसके चलते सभी विभागों में विकास कार्य बंद कर दिए गए थे। सिर्फ पुराने विकास कार्य चल रहे थे और वह भी चुनाव के चलते प्रभावित हुए। जबकि नए विकास कार्य पूरी तरह से बंद थे। विकास भवन में ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत दो दर्जन विभागों द्वारा विकास कार्य को अंजाम दिया जाता है। जिला पंचायती राज विभाग द्वारा बीते वित्तीय वर्ष का टारगेट भी पूरा नहीं कर पाया है और विकास कार्य जारी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जो चुनाव के चलते बाधित है। जबकि डीआरडीए द्वारा केन्द्र सरकार की योजनाओं से विकास कार्य करती है। डूडा भी पिछले साल प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का टारगेट नहीं पूरा किया गया है। वहीं, जिला पंचायत विभाग द्वारा अगले महीने बोर्ड मीटिंग की जाएगी, जिसमें विकास कार्यों के प्रस्तावों को हरी झंडी दी जाएगी। अभी तक चुनावी व्यस्तता के चलते कई विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा भी शासन को नहीं भेजा है। चुनाव संपन्न होने के साथ ही इन विभागों पर अधूरे विकास कार्य को पूरा करने को लेकर दबाव बढ़ गया है।

 

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