जन सहभागिता से ग्रामीण भी पी सकेंगे स्वच्छ पानी – ग्रामीण पेयजल स्कीम के तहत गांवों में बिछाई जाएगी पेयजल पाइप लाइन

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ग्रेटर नोएडा। देहात एरिया में हैंडपम्प का पानी पीने को मजबूर ग्रामीणों के लिए ग्रामीण पेयजल योजना वरदान साबित हो सकती है। बार-बार संक्रमित बीमारियों की चपेट में आने वाले ग्रामीणों के लिए सप्लाई का पानी मिल सकता है, यदि वे जन सहभागिता के जरिए पेयजल की पाइप लाइन बिछाने में सरकारी योजना में आर्थिक मदद करने के लिए तैयार हो जाएं।
बता दें कि प्रदेश सरकार ग्रामीण पेयजल योजना के तहत गांवों में पाइप लाइन बिछाने की कवायद शुरू की है। लेकिन यह योजना उन्हीं गांवों में लागू की जाएगी, जिन गांवों के ग्रामीण भी आर्थिक मदद देने के लिए तैयार होंगे। योजना के तहत गांव के समान्य वर्ग के प्रत्येक परिवार से 450 और अनुसूचित जाति के परिवार से 225 रुपए लिए जाएंगे। 100 फीसदी आर्थिक मदद देने वाले गांवों का प्रस्ताव ग्राम पंचायत स्वयं पास करते हुए मुख्य विकास अधिकारी के पास भेजेगी। सीडीओ यूपी जल निगम को भेजेंगे। इसके बाद राज्य स्तरीय स्कीम सेंक्सनिंग कमिटी की स्वीकृति के बाद नामित कार्यदायी संस्था को फंड दिया जाएगा और कार्यदायी संस्था गांव में पाइप लाइन बिछाएगी। यह योजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांवों के लिए वरदान साबित हो सकती है। दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांवों के लोग आज भी हैंडपम्प का पानी पीने के लिए मजबूर है। जिले का पानी खारा है और 150 फीट नीचे का पानी ही पीने योग्य बचा है। जबकि गांवों में अधिकांश हैंडपम्प 120 फीट से उपर ही लगे हैं, जो गर्मियों में पानी भी छोड़ देते हैं और उसमें से निकलने वाला पानी भी दूषित होता है, जिसे पीने से ग्रामीण विभिन्न तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। देहात के चक बीरमपुर, सबौता आदि गांवों में जो पिछले तीन दिन से डाॅयरिया जैसी बीमारी फैली है, इसके पीछे भी यही कारण बताया जा रहा है। ऐसे गांवों में ग्रामीण पेयजल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाकर ग्रामीणों को सप्लाई का पानी मुहैया कराया जा सकता है। यहां यह भी बता दें कि शासन की एक रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा और नोएडा के कई गांवों का पानी दूषित होना बताया गया है और ग्रामीणों को हैंडपम्प का पानी पीने पर पाबंदी लगा दी गई है। लेकिन ग्रामीण मजबूरी में हैंडपम्प का पानी पी रहे हैं। इस संबंध में सीडीओ आरपी मिश्र का कहना है कि ग्रामीण पेयजल योजना का ग्रामीणों को लाभ उठाना चाहिए।

 

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