जिला समाज कल्याण विभाग को किया सील – फर्जीवाडे की शिकायत के बाद प्रशासन ने उठाया देर से कदम

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ग्रेटर नोएडा। स्काॅलरशीप की जांच शुरू होने के बाद रविवार को प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग के कार्यालय को भी सील कर दिया है। रविवार को अचानक प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम से विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी हैरत में हैं। प्रशासन का कहना है कि जरूरी दस्तावेजों को इसमें रखा गया है और जांच पूरी होने के बाद ही इसे खोला जाएगा।
गौरतलब है कि शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने करीब 100 करोड़ रुपए का फंड शासन को सरेंडर कर दिया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन और कमिश्नरी स्तर पर जांच भी चल रही है। जबकि जिलाधिकारी ने भी एक कमिटी बनाई है, जो जांच शुरू कर चुकी है। फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद समाज कल्याण अधिकारी को भी कार्यमुक्त कर दिया गया था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कार्यालय को सील नहीं किया था। रविवार को अचानक समाज कल्याण विभाग के कार्यालय को सील कर दिया गया, जो काफी हैरान करने वाला है। जबकि प्रशासन को फर्जीवाड़े की जांच बैठाने के तुरंत बाद ही कार्यालय को सील कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया, इसका जवाब जांच कमिटी भी नहीं दे पा रही है। जांच कमिटी के अध्यक्ष और चीफ डिवेलपमेंट आॅफिसर आर.पी. मिश्र का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार को समाज कल्याण विभाग के एक कमरे को सील किया गया है। इस कमरे में विभाग के सभी डाॅक्यूमेंट रखे गए हैं। बैंकों और काॅलेजों से भी जांच टीम द्वारा डाॅक्यूमेंट मांगाए गए थे, जिन्हें इस कमरे में रख कर सील किया गया है। उन्होंने बताया कि डाॅक्यूमेंट प्राप्त करने में देरी होने के कारण कार्यालय को सील करने में देरी हुई है। सीडीओ का कहना है कि जिला, शासन और कमिश्नर स्तर पर बनी टीम द्वारा जब जांच पूरी हो जाएगी, तभी सील को खोला जाएगा।

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