जे-एन-यू की अराष्ट्रीय घटनाओं के संबध में स भी सांसदों के नाम खुला पत्र

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> माननीय संसद सदस्य महोदय,
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> विषय:- दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जे.एन.यू.) में हो रही अराष्ट्रीय गतिविधियों के संबध में
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> महोदय,
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> निवेदन है कि भारतीय गणराज्य की केन्द्रीय राजधानी स्थित जे.एन.यू. भारत का एक महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान है, इसकी वेबसाइट के अनुसार, संस्थान की स्थापना भारतीय संसद द्वारा जेएनयू अधिनियम 1966 (1966 का 53) के अन्तर्गत, 22 दिसंबर 1966 को की गई थी, जिसका उद्देश्य निम्नलिखित था.
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> अध्ययन, अनुसंधान और अपने संगठित जीवन के उदाहरण और प्रभाव द्वारा ज्ञान का प्रसार तथा अभिवृद्धि करना. उन सिद्धान्तों के विकास के लिए प्रयास करना, जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने जीवन-पर्यंत काम किया. जैसे – राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, धर्म निरपेक्षता, जीवन की लोकतांत्रिक पद्धति, अंतर्राष्ट्रीय समझ और सामाजिक समस्याओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण.
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> महोदय, प्राय: टेलीविजन, पत्र-पत्रिकाओं अथवा अन्य समाचार साधनों द्वारा जे.एन.यू. में चल रही अराष्ट्रीय गतिविधियों के बारे में पता चलता है तो मन व्यथित होता है. कई बार ऐसा करने वालों को कुछ व्यक्तियों का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समर्थन भी मिलता रहता है. महोदय, निवेदन है कि भारत ऐसा देश है, जहाँ के लोग सत्यनिष्ठा से जीविकोपार्जन करते हुए शांति से रहना चाहते हैं. यहाँ की अधिकांश जनसंख्या भले ही प्रत्यक्ष राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों से न जुड़ी हो, किन्तु वह देश की एकता-अखण्डता के लिये चिंतित रहती है. महोदय मैं समाज की इन्ही चिन्ताओं पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ.
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> पिछले कुछ समय से जे.एन.यू सहित भारत के कुछ अन्य शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की नकारात्मक गतिविधियों के लिये हो रही चर्चा, भारतीय गणराज्य के भविष्य के लिये अच्छी नहीं मानी जा सकती. अत: इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन है कि संसद इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करे. यहाँ यह भी जानना आवश्यक है कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षारत विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य से अतिरिक्त अराष्ट्रीय कार्य करने की प्रेरणा एवं इन कार्यों केतु समय कहाँ से मिलता है.
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> महोदय, निवेदन यह भी है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों की सकारात्मक चिंताओं का भी अविलंब निवारण किया जाये, ताकि इन संस्थानों में सुंदर सपने लेकर आने वाले छात्र अपनी सकारात्मक दूर दृष्टि से भारतीय गणराज्य तथा यहाँ रहने वाले जनसमुदाय के जीवन स्तर को सुधारने के लिये संकल्पित होकर शिक्षा ग्रहण करें.

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