बच्चे पर अधिकार को लेकर मां-मौसी आमने-सामने – बचपन से बच्चे को पाल रही है मौसी – बच्चे के पैरेंट्स के बीच हो चुका है डायवोर्स

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ग्रेटर नोएडा। बच्चे पर अधिकार को लेकर उसकी मां और मौसी के बीच विवाद बढ़ गया है। दोनों ही बच्चे पर अपना अधिकार बता रहे हैं और इसे लेकर वह चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के पास आए हैं। सीडब्ल्यूसी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
नोएडा स्थित चाइल्ड लाइन ने दस साल के बच्चे का एक मामला लेकर सीडब्ल्यूसी के पास पहुंचा है। चाइल्ड लाइन की माने तो गुड़गांव निवासी महिला की शादी 10 साल पहले हुई थी। महिला का पति मुम्बई में रहता है। दोनों ही आर्थिक रूप से काफी संपन्न है। पति जहां मुम्बई में किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं, तो महिला के परैंट्स भी काफी संपन्न हैं। शादी के कुछ दिन बाद ही दंपति के बीच विवाद होने लगा। विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों के बीच डायवर्स की नौबत आ गई। दंपति अगल-अलग रहने लगे। इसी दौरान महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। चूंकि महिला परिवारिक विवाद के चलते मानसिक तौर पर परेशान रहती थी। लिहाजा उसने बच्चे को देखरेख के लिए नोएडा निवासी अपनी बहन के पास भेज दिया। दंपति के बीच विवाद कई सालों तक चला और एक साल पहले दोनों के बीच डायवर्स हो गया। वहीं, बच्चे को उसकी मौसी ने अपने बेटे की तरह पालन पोषण किया और दिल्ली स्थित हेरिटेज पब्लिक स्कूल में एडमिशन भी कराया है। 10 वर्षीय बच्चा 5वीं क्लास में पढ़ता है। डायवर्स के बाद बच्चे की मां उसे अपने पास रखना चाहती है। लेकिन अब बच्चा अपनी मां के साथ रहना नहीं चाहता है। बच्चे की मौसी का आरोप है कि उसकी बहन मानसिक तौर पर बीमार रहती है और वह बच्चे को संभाल नहीं सकती है। ऐसे में बच्चे को पालने की जिम्मेदारी उसे दी जाए। बच्चे की मौसी ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी से शिकायत की है कि बच्चा उसके साथ रहना चाहता है, लेकिन उसकी मां जबरदस्ती के उसे अपने साथ रखना चाहती है। आरोप है कि बच्चे की मां स्कूल से उसका नाम भी कटवाना चाहती है और अपने साथ लेकर मुम्बई अपने भाई के पास जाना चाहती है। सीडब्ल्यूसी आॅफिसर विभा त्रिपाठी का कहना है कि यह मामला काफी कम्पलिकेटेड है। इसकी जांच शुरू कर दी है। नियमानुसार बच्चे पर अधिकार उसके पैरेंट्स का बनता है। पहले बच्चे के पैरेंट्स से उनकी राय जानी जाएगी। बच्चा मां के पास रहने से इनकार कर रहा है। यदि वह अपने पिता के पास रहने को राजी होता है, तो उसे सौंप दिया जाएगा।

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