मेवाड़ में पर्यावरण संरक्षण पर सेमिनार आयोजित.

Galgotias Ad

Mewar Institute

वसुंधरा स्थित मेवाड़ लाॅ इंस्टीट्यूट की ओर से विवेकानंद सभागार में पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित सेमिनार में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सदस्यों ने शहरी इलाकों में बिगड़ रहे पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पर्यावरण संरक्षण अभी नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
दो सत्रों में आयोजित सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना से हुई। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने अपने स्वागत भाषण में पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया और विद्यार्थियों को सचेत रहकर समाज में प्रमुख भागीदारी निभाने की नसीहत दी। उन्होंने पेपरलेस जाॅब को प्राथमिकता देकर पर्यावरण में अह्म भूमिका अदा करने की बात भी कही। पहले सत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के वरिष्ठ सदस्य डाॅ. आरसी त्रिवेदी ने ’पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शहरों में बन रहीं बहुमंजिला इमारतें व हरित क्षेत्रों में अतिक्रमण के कारण पर्यावरण संरक्षण खतरे में आ गया है। उन्होंने कई संदर्भों के जरिये विद्यार्थियों को इसकी हकीकत बयां की।
दूसरे सत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दूसरे वरिष्ठ सदस्य डाॅ.जीके पांडेय ने एयर प्रिवेन्शन एंड कंट्रोल आॅफ पल्यूशन एक्ट-1981 के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में पेड़ों के अंधाधुंध कटान ने पर्यावरण का संकट खड़ा कर दिया है। दोनों सत्रों में विद्यार्थियों ने दोनों पर्यावरणविदों से कई सवाल-जवाब किए। अंत में विधि विभाग के महानिदेशक भारत भूषण ने सभी का आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि सेमिनार से विद्यार्थी जरूर लाभान्वित होंगे। इससे उनमें पर्यावरण के प्रति चेतना भी आएगी। वंदेमातरम् राष्ट्रगीत के साथ सेमिनार का समापन हुआ।

 

 

Comments are closed.