शासन ने जारी किया चाइल्ड होम के लिए निर्देश

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ग्रेटर नोएडा। जनपद में चल रहे सेक्टर होम में बच्चों को रखने से पहले चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की इजाजत आवश्यक कर दी गई है। कोई भी एनजीओ के जरिए सेल्टर होम में लाया जाता है, तो उसे सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यहां से बच्चों को किस सेल्टर होम में रखा जाएगा, उसका फैसला किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले में बेसहारा बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। लगातार ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं, जहां बच्चे बेसहारा होकर भटकते हुए पुलिस और एनजीओ को मिल जाते हैं। एनजीओ के जरिए बच्चों को सेल्टर होम में लाया जाता है। जनपद में आधा दर्जन सेल्टर होम हैं, जहां सुविधा से अधिक बच्चो को रखा गया है। जिले में राजकीय बालगृह नहीं होने के कारण बच्चों को दूसरे जनपदों में भी रखने के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, शासन ने बच्चों को रखने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किया है। शासन के निर्देशानुसार बच्चों को राजकीय बालगृह में ही रखा जाएगा। इसमें शून्य से छह वर्ष की आयु वाले बच्चों को बालगृह में ही रखने का निर्देश दिया गया है। यदि बालगृह में बच्चों की संख्या अधिक है, तभी उसे सेल्टर होम में रखा जाएगा। लेकिन इससे पहले चाइल्ड वेलफेयर कमिटी से अनुमति लेनी होगी। शासन ने सेल्टर होम में रहने वाले बच्चों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सेल्टर होम में बच्चों को खेलकूद के साधन, मनोरंजन की सभी व्यवस्थाओं के साथ शिक्षा के उचित प्रबंध किए जाएंगे। जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सेल्टर होम पर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की पूरी नजर होती है। हर महीने सीडब्ल्यूसी होम की जांच करती है और बैठक करके बच्चों की समस्याएं सुनती है। बच्चों के मनोरंजन, खेल कूद, शिक्षा पर विशेष बल दिया जाता है।

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