सरकारी हैंडपम्पों का पानी दूषित ।

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ग्रेटर नोएडा में भू-जल दूषित होता जा रहा है।जिससे जल निगम द्वारा लगाये गये हैंडपम्पों का पानी दूषित निकल रहा है, जिससे ग्रामीणों क्षेत्रो मे कंैसर समेत कई बीमारिया तेजी से फैल रही है। दादरी तहसील क्षेत्र में इस तरह की शिकायतें सबसे ज्यादा शिकायत मिल रही है ।हैंडपम्पों का पानी पीने से लोग कतराने लगे हैं।
ग्रेटर नोएडा में बढ़ते औद्योगिकरण और भू-गर्भ जल का दोहन सबसे बडा कारण बनता जा रहा है। जिससे भू-जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है और भू-गर्भ जल का उपरी हिस्सा प्रदूषित होता जा रहा है। दादरी तहसील क्षेत्र के गांवों में लगे इंडिया मार्का हैंडपम्पों का पानी प्रदूषित हो चुका है इन हैंडपम्पों को 100 से 120 फीट गहरायी पर लगाया जाता है लेकिन, पानी दूषित हो चुका है। कुछ समय पहले जेवर तहसील के मेहंदीपुर बांगर में हैंडपम्प के पानी पीने से ग्रामीण बीमार होने लगे थे तब इसकी शिकायत जल निगम से की गई थी शिकायत मिलने के बाद जल निगम ने इसकी जांच मेे पाया कि पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। जिसके बाद ग्रामीणों को पानी पीने पर रोक लगा दी गई थी जिससे जल निगम द्वारा री-बोर करके हैंडपम्प को ओर अधिक गहरायी पर लगाया गया तब जाकर पीने लायक बन सका था । गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्री से निकलने वाला दूषित पानी हैंडपम्पों के पानी को काफी प्रदूषित कर रहा है। यह पानी धीरे-धीरे जमीन के अंदर पहुंचता रहता है और हैंडपम्प के पानी में मिल जाता है। जहां पर जल भराव है, वहां हैंडपम्प के पानी को प्रदूषित होने का सबसे अधिक खतरा है। सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र के आसपास के गांवों में लगे हैंडपम्पों का पानी प्रदूषित होने का प्रमुख कारण इंडस्ट्री का प्रदूषित पानी ही है। यह पानी जब हैंडपम्प के पानी में मिल जाता है, तो उसके सेवन से डायरिया, पेचिस जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। पालूशन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट इनवायरमेंट इंजीनियर उत्सव शर्मा का कहना है कि इस प्रदूषित पानी से ई-कोली बैक्टिरिया बनते हैं, जिससे कई रोग होते हैं। इसलिए लोगों को हैंडपम्प के पानी को उबाल कर पीना चाहिए।

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