सर्कल रेट को लेकर होने वाली बैठक भी स्थगित सर्कल रेट बढने पर असमंजस।
जिले में आगामी एक अगस्त को बढ़ने
वाले लेकर को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
प्रदेश सरकार नई संपत्ति मूंल्याकन नियमावली बना रही है।
जिस पर सभी जनपदों से राय मांगी गई है। इसके चलते जिले
में बुधवार को सर्कल रेट को लेकर होने वाली मीटिंग
को स्थगित कर दिया गया। नई नियमावली के लागू होने
के बाद ही सर्कल रेट बढ़ने की संभावना है। जिस पर एक
सप्ताह में स्थिति साफ होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि जिले आगामी एक अगस्त से सर्कल रेट बढ़ाने
को लेकर तैयारी चल रही है। इसके लिए बीते 23 जून को एक
मीटिंग की गई थी, जिसमें सभी सब रजिस्टंारों को अपनी
एरिया में सर्कल रेट तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
सभी सब रजिस्टंारों ने 30 जून तक अपनी रिपोर्ट प्रशासन को
सौंप दी है। बुधवार को इस पर मंथन के लिए जिलाधिकारी
की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई गई थी। इस मीटिंग में
सर्कल रेट को तय किया जाना था और उसके बाद जिले के
निवासियों से आपत्तियां मांगी गई होती। लेकिन यह
मीटिंग बुधवार को स्थगित कर दी गई। बताया जा रहा है
कि शासन लेवल पर संपत्ति मूल्यांकन नियमावली में बदलाव
किया जा रहा है। अभी प्रदेश में वर्ष 1997 में बनाई
गई संपत्ति मूल्यांकन नियमावली से काम चलाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इस नियमावली में कई कमियां है। जिसके
चलते सर्कल रेट निर्धारण में दिक्कत भी आती है और
आम आदमी को भी इससे परेशानी होगी। वहीं नई
नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। शासन
ने भूमि को 10 कटेघरी में बांटने का निर्देश दिया
है। प्रत्येक कटेघरी का सर्कल रेट अलग-अलग होगा। एक से
अधिक गांवों या शहरों में यदि एक जैसी भूमि है, तो
उसका सर्कल रेट भी एक जैसा ही होगा। जबकि पहले ऐसा
नहीं था। इस नियमावली से सर्कल रेट निर्धारण में काई
आसानी हो जाएगी और आम पब्लिक भी इसे आसानी से समझ
सकेगी। साथ ही इसे आॅनलाइन भी किया जाएगा। ताकि
कोई भी इंटरनेट के जरिए इसे प्राप्त कर सके। इस संबंध
में एडीएम वित्त अच्छे लाल यादव ने बताया कि शासन ने नई
नियमावली में प्रशासन से सुझाव मांगे हैं। जिसकी तैयारी
चल रही है। नई नियमावली के चलते ही सर्कल रेट को लेकर
होने वाली मीटिंग स्थगित कर दी गई।
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