16 मई से देश में विकासपरक, जनसेवी राजनीति की शुरूआत #नरेन्द्र मोदी
भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि 16 मई
को भारत से कांग्रेस युग की समाप्ति हो जायेगी और श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक
नई विकासपरक, पारदर्शी तथा जनसेवी राजनीति की शुरूआत होगी। नौ चरणों में संपन्न हुये
लोकसभा चुनावों में भारी मतदान ने यह साबित कर दिया है कि देश की जनता 10 वर्षीय
कांग्रेसी कुशासन से बुरी तरह नाराज है। वह भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
श्री नरेन्द्र मोदी की ओर आशाभरी निगाहों से उज्जवल भविष्य, विकास और सुशासन की बाट
जोह रही है। इसी कारण सभी नौ चरणों में देश की जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में
सभी सीमायें तोड़कर मतदान किया है। 16 मई को चुनाव परिणाम साबित कर देंगे कि भारत के
भावी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी होंगे।
उन्होंने कहा कि सभी एग्जिट पोल बताते हैं कि भाजपा नीत एनडीए को 300 से अधिक सीटें
प्राप्त होंगी। अनेक सर्वेक्षणों में बताया गया है कि भाजपा अपने बलबूते पर भी इतनी सीटें
प्राप्त कर लेगी कि उसे सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी। 2014 के 16वीं लोकसभा
के चुनावों भारत के संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व और अनोखे हैं। इस बार लोगों ने
कांग्रेस मुक्त भारत का सिर्फ सपना ही नहीं देखा है बल्कि उन्होंने भारतीय राजनीति में
विकास और सुशासन के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरूणाचल प्रदेश तक भाजपा के पक्ष
में एकजुट होकर देश में एक नई पारदर्शी शासन प्रणाली के लिए वोट दिया है। देश की जनता
इस बार सिर्फ श्री नरेन्द्र मोदी को भारत का भावी प्रधानमंत्री देखना चाहती है ताकि सारा
देश गुजरात की तरह सुसम्पन्न और समृद्ध बन सके।
डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव इस बारे में भी इतिहास में याद
किये जायेंगे कि इन चुनावों में भाजपा के भावी प्रधानमंत्री पद के दावेदार श्री नरेन्द्र
मोदी ने अनेक ऐसे रिकार्ड बनाये हैं जिनको तोड़ पाना भविष्य में किसी भी राजनेता के
लिए असंभव सा होगा। इन चुनावों में 45 दिनों के धुंआधार चुनाव प्रचार के दौरान
श्री नरेन्द्र मोदी ने 196 भारत विजय रैलियां देश के 25 राज्यांे में कीं। हर रैली में वे
औसतन 45 मिनट बोले। 8 महीने में उन्होंने कुल 440 रैलियों को सम्बोधित किया।
देश के 4,000 स्थानों पर चाय पर चर्चा करके श्री नरेन्द्र मोदी ने आधुनिक तकनीक (3-डी)
के सहारे करोड़ों लोगों से सीधा संवाद किया। चुनाव रैलियों के लिए हर दिन वे लगभग
6 घंटे वायुयान में ही रहे। एक दिन में उन्होंने लगभग पांच रैलियों को सम्बोधित
किया। मैराथन चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने 1 लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। ध्
ारती की परिधि के 8 गुना के बराबर उनकी चुनाव प्रचार यात्रायें संपन्न हुईं। चुनाव घोषणा
के बाद चुनावी रैलियों की श्रृंखला में 25 मार्च को ऊधमपुर में पहली रैली श्री मोदी ने
की थी। रैलियों को यह सिलसिला 10 मई, 2014 को समाप्त हुआ।
डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा कि देश की जनता ने 1977, 1984, 1991 में रिकार्डतोड़ मतदान
किया था। 1977 के लोकसभा चुनाव आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ जनमत संग्रह साबित
हुये थे। इन चुनावों में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी तक अपना चुनाव
रायबरेली से हार गईं थीं। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कांग्रेस का खाता भी नहीं
खुला था। 1984 के चुनाव श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति लहर में हुये
थे। इन चुनावों में कांग्रेस को इसका जबरदस्त फायदा मिला और श्री राजीव गांधी रिकार्ड
तोड़ सीटें जीतकर भारत के प्रधानमंत्री बने थे। 21 मई, 1991 को श्री राजीव गांधी की
हत्या पेरम्बदूर में हो गई थी। इस कारण आधे देश में चुनाव स्थगित कर दिये गये थे।
इन चुनावों में भी सहानुभूति लहर का फायदा कांग्रेस को मिला था।
वर्ष 2014 के चुनाव कांग्रेस के असीमित भ्रष्टाचारों, कुशासन, महंगाई, बेरोजगारी,
किसानों की आत्महत्या, अराजकता और अंदरूनी तथा बाहरी आतंकवाद की छाया में संपन्न हुये
हैं। इन चुनावों की खास बात यह रही है कि जनता ने सिर्फ व्यवस्था के विरूद्ध ही बदलाव के लिए
वोट नहीं दिया है बल्कि लोगों को साफ तौर पर श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के रूप में एक
शानदान विकल्प दिखाई दिया है। इस विकल्प को देश की जनता ने क्षेत्र, जाति, धर्म, सम्प्रदाय,
वर्ग, भाषा आदि से ऊपर उठकर स्वीकार है। सारे देश में श्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में एक ऐसी
जबरदस्त लहर पैदा हुई जिसके आगे जाति, धर्म आदि की तंग मानसिकता की राजनीति करने वाले दलों
की जमीन ही उखड़ गई है। ये चुनाव भारत के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। देश में
विकास, सुशासन और जवाबदेही की एक नई राजनीति शुरू होगी। पहली बार देश को एक शासक
नहीं बल्कि एक सेवक प्रधानमंत्री मिलेगा जिसका हर पल देश की जनता और देश की सेवा को समर्पित होगा।
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