24 घंटे में कोरोना वायरस से 34 मौतें, 909 नए आए मामले, आठ हजार के पार पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा : स्वास्थ्य मंत्रालय
Rohit Sharma
नई दिल्ली :– देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 34 लोगों की मौत हो गई है , जबकि 909 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा आठ हजार के पार 8,355 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण से अब तक 273 लोगों की मौत हुई है। हालांकि 716 लोग संक्रमण से रिकवर भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी समस्या है जिससे देश ही नहीं पूरी दुनिया जूझ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम इससे लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अग्रवाल ने बताया कि सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर कोविड -19 के मरीजों के लिए टेस्टिंग की सुविधा बढ़ा रही है। इसको सपोर्ट करने के लिए देश में 14 मेंटर मेडिकल कॉलेजों को चिन्हित किया गया है।
इसमें एम्स , निम्हांस के साथ साथ नेशनल इंस्टीट्यूट आदि को साथ लेकर मेडिकल क्षमता बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा संक्रमित मरीजों के कॉन्टैक्टस की ट्रेसिंग को लेकर भी काम हो रहा है। संयुक्त सचिव ने बताया कि कोरोना के 80 फीसद मामले माइल्ड या एसिम्टोमैटिक होते हैं।
लव अग्रवाल ने बताया कि माइल्ड या एसिम्टोमैटिक मामलों को कोविड केयर सेंटरों द्वारा ट्रीट किया जाता है। मॉडरेट सिम्टम वाले मामलों को कोविड हेल्थ केयर सेंटरों रखा जाता है जहां डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट की भी व्यवस्था है।
गंभीर मरीजों का इलाज कोविड अस्पतालों में होता है। इन अस्पतालों में वेंटिलेटर और आइसीयू सपोर्ट की व्यवस्था होती है। इन तीन तरह के अस्पतालों में मरीजों को एक दूसरे जगह पहुंचाने के लिए एम्बुलेंसों की व्यवस्था भी की गई है।
अग्रवाल ने कहा कि यदि कोरोना वायरस के मामलों को बीते कुछ दिनों में एनालाइज करें तो पाएंगे कि बीते 29 मार्च को 979 मामले थे जो धीरे धीरे बढ़कर 8356 हो गए हैं। उन्होंने बताया कि केवल 20 फीसद मामलों में ही मरीजों को आइसीयू की जरूरत पड़ती है। इस लिहाज से देखा जाए तो आज इनमें से केवल 1671 मरीजों को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में सरकारी के साथ-साथ निजी क्षेत्र के लोग भी हमारी मदद कर रहे हैं। मैक्स अस्पताल ने अपने दो अस्पताल को डेडिकेटेड अस्पताल में बदल दिया है। सेना भी इस काम में हमारी मदद कर रही है।