नई दिल्ली : फूलों का कारोबार करने वाले व्यापारियों व किसानों ने आज जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार की नरेन्द्र मोदी सरकार से तुरंत प्रभाव से प्लास्टिक के फूलों के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि जिस तरह से उन्होंने लाल किले के प्राचीर से सिंग्ल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर दो अक्टूबर से पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बात कही है उसी तरह से चीन से आने वाले प्लास्टिक के फूलों पर भी प्रतिबंध लगाए। नहीं तो आने वाले समय में फूलों के कारोबार से जुड़े किसान और व्यापारी आत्म हत्या करने को मजबूर होगें।
धरना प्रदर्शन में गाजीपुर फूल मंडी के पूर्व सदस्य व फूल कारोबार ब्रिज मोहन खनगवाल, गाजीपुर फ्लावर मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन (दिल्ली) के चुने हुए सदस्य तेग बहादुर चौधरी (गाजीपुर मंडी के प्रधान) फ्लावर मार्केटिंग कमेटी गाजीपुर के सदस्य कृष्ण कुमार सैनी, फ्लावर मार्केट समिति के पूर्व उपाध्यक्ष कृष्णन लाल यादव, फ्लावर ग्रोवर क्लब के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह सोही, समेत फूल उगाने वाले किसानों में मुकेश तोमर, सुशील चौहान आदि मौजूद थे।
देशभर के किसान (फूल) और व्यापारियों के संगठन बिरजू प्लावर एप (बीएफए) के संस्थापक अध्यक्ष व गाजीपुर फूल मंडी के पूर्व सदस्य व फूल कारोबार ब्रिज मोहन खनगवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सिंग्ल यूज प्लास्टिक पर दो अक्टूबर से प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि, हम उनसे चीन से आने वाले प्लास्टिक के फूलों पर भी प्रतिबंध लगाये जाने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो के दौरान गाजीपुर मंडी में फूलों का कारोबार गिरकर 50 फीसद से भी कम रह गया है। यह सब कुछ चाईनीज प्लास्टिक के फूलों की वजह से हुआ है।
उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ प्लास्टिक के फूल आते थे अब प्लास्टिक की पत्तियां, और प्लास्टिक के पौधे तक आने लगे है। इससे कारोबार में तेजी से गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि अब लोगों के घरों में नेचुरल फूलों के गमले की जगह प्लास्टिक के डिजाइनर फूलों के गमलों ने ले लिया है। इससे लोगों को अब घर के अंदर शुद्ध ऑक्सिजन तक नहीं मिल रहा है। नेचुरल फूलों से पहले लोगों को शुद्ध हवा मिलती थी अब वह नही मिल रही है। भगवान के मंदिर में भी अब प्राकृतिक फूलों की जगह चाईनीज फूलों से डेकोरेशन किया जा रहा है।
गाजीपुर प्लावर मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन (दिल्ली) के चुने हुए सदस्य तेग बहादुर चौधरी ने कहा कि प्लास्टिक के फूलों ने हमारा कारोबार पूरी तरह से तहस नहस कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान हूं और चाईनीज फूूलों की वजह से कारोबार मंदा होने की वजह से मुझे अन्य किसानों की तरह दो ग्रीन हाउसों को बंद करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि एक एकड़ में ग्रीन हाउस लगाने में 40-50 लाख खर्च आता है और किसान जब बैंक का कर्ज नहीं चुका पाता है तो वह ग्रीन हाउस को तीन-चार लाख में बेच देता है और उसके बाद धीरे-धीरे उसकी जमीन भी बिक जाती है।
उन्होंने कहा कि हम लोग आने वाले दिनों प्लास्टिक के फूलों का वहिष्कार किये जाने के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। फ्लावर मार्केटिंग कमेटी गाजीपुर के सदस्य कृष्ण कुमार सैनी ने भी कहा कि सरकार जिस तरह से सिंग्ल यूज प्लास्टिक को बंद किये जाने की घोषणा की है ठीक उसी तरह से प्लास्टिक के फूलों को भी बंद किया जाए।