IIA के राष्ट्रीय सचिव एस पी शर्मा ने 10 बिंदुओं पर योगी सरकार को सुझाव देकर शहर को और व्यवस्थित करने की मांग की

Abhishek Sharma

Galgotias Ad

Greater Noida (17/06/2020) : मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ के समक्ष मीडिया के माध्यम से इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) ग्रेटर नोएडा चैप्टर ने गौतम बुद्ध नगर को ओर कैसे विकास की उडान को पंख दे सकते है, इस पर कई बिंदुओं को रखा। राष्ट्रीय सचिल एस पी शर्मा का कहना है कि यहां पर पूर्व मे ही महत्त्वपूर्ण सुविधाएं है, जो शहर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान से रूबरू कराती है। यहां आधुनिक शिक्षण संस्थान, एशिया का सबसे विस्तृत कंटेनर डिपो, चौडी सडक एक्सप्रेस-वे, ताज एक्सप्रेस-वे, पेरीफेरल एक्सप्रेस वे, मेट्रो लाईन व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रस्तावित जेवर हवाई अड्डा जिसकी समस्त औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है।

उनका कहना है कि दिल्ली-हावडा रेलवे लाईन पर दादरी के पास प्रस्तावित बोडाकी रेलवे स्टेशन के विस्तार की योजना रेल मंत्रालय केंद्र सरकार दूारा बनाई गयी थी जिससे पूर्वी भारत से काम की तलाश मे गौतम बुद्ध नगर मे आने वाले श्रमिकों को अनावश्यक दिल्ली नही जाना पडे, इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट मे विलंब उचित नही है।

उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले सीएम योगी ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए यहां पर कमिश्नर प्रणाली को लागू किया, जिससे कानून व्यवस्था मे सुधार हुआ है। उसके लिए हृदय की गहराईयों से आपको कोटि कोटि नमन।

कुछ अतिरिक्त आवश्यक बदलाव व नई व्यवस्था शहर मे लागू की जाए तो विकास नई ऊंचाई पर पहुच सकता है, जो वास्तविकता मे जरूरी है। जनपद वासियों की ओर से हम आपके समक्ष उक्त विषय के बिंदू प्रस्तुत कर रहै है, आप प्राथमिकता से यह लागू करेंगे पूर्ण विश्वास है।

बिदू नं 1 :- UPSIDA(UPSIDC) सबसे पुराना औद्योगिक विकास संस्थान है लेकिन यहाँ मूलभूत सुविधाओं के आभाव व उचित मेंटीनेंस नही होने कारण यह आज तक पूर्ण विकसित नही है। यहा बदहाली व दुर्दशा यहा के विकास पर ग्रहण के समान है।

इसके बाद मे गठित ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने यहां तेजी से विकास किया व अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाई। उक्त क्षेत्र ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित कुल क्षेत्रफल का केवल 7-8% ही है। यह ग्रेटर नोएडा के बीच मे स्थित है , यहां प्रवेश करने के बाद अव्यवस्था दिखती है। यहां किसी प्रकार की रिपेयरिंग मशीनरी नही है। बाहर से बुलाने पर अतिरिक्त धन व समय खर्च होता है, जिसका भार अंत मे आंवटियो पर ही होता है। जबकि ग्रेटर नोएडा मे सभी प्राकर की मशीनरी उपलब्ध है जिससे तत्काल समाधान व त्वरित कार्यवाही होती है।

उक्त विषय मे विगत पांच वर्षो से हमने अनेकों स्तरों पर अनेको शिकायत कीं है जिनमे औद्योगिक मंत्री जनपद , प्रभारी व स्वास्थ्य मंत्री, जनपद स्तर, पर MD UPSIDA, (UPSIDC) प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव ,व पिछले वर्ष 13 जून को आपको भी प्रार्थना पत्र दिया था। आपको दिये गये आवेदन पर कार्य हुआ लेकिन और सुधार की आवश्यकता है।

सुझाव :- गौतम बुद्ध नगर स्थित UPSIDA का विलय ग्रेटर नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण मे जहां स्थित है, के आधार पर कर दिया जाए। इससे न केवल कर्मचारियों की बचत होगी बल्कि संसाधन व खर्च मे कमी होगी। अभी प्रत्येक विकास कार्य के लिए कानपुर मुख्यालय पर ही निर्भर है। जिसमे समय व पैसा के साथ अनावश्यक विलंब होता है।

बिंदू न 2 :- औद्योगिक के मामले मे गौतम बुद्ध नगर की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की फैक्ट्रीयां स्थापित है, यहा ऊंची बहुमंजिला इमारते भी है। प्रत्येक वर्ष आग से जान माल का नुकसान होता है, यहा संसाधन उच्च स्तरीय नही है।

सुझाव :- अग्नि शमन विभाग को और उन्नत किया जाए जिसमे नए अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराए जाए।

*बिंदू नं 3 :-किसी भी शहर के उन्नति मे विद्युत वितरण का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में निजी संस्था NPCL बिजली वितरण करती है। जिसका अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर पडता है। महंगी दर बिजली मिलती है। जिसका कई बार विरोध UPERC की जन सुनवाई मे IIA द्वारा किया गया है।

*सुझाव :- देश की प्रतिष्ठित वित्तीय संस्था कैग दूारा NPCL के वित्तीय लेखा जोखा का मूल्यांकन कराया जाए, उसके उपरांत रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित करे।

बिंदू नं 4:- गौतम बुद्ध नगर मे सबसे ज्यादा औद्योगिक ईकायां है जिनमे हर एक ईकाई मे प्रिटिंग /पैकेजिंग की मुख्य आवश्यकता है। इस इंडस्ट्री के लिए तकनीकी प्रशिक्षण का एक मात्र प्रतिष्ठान इलाहाबाद मे है। जिसमे केवल 65 छात्र एक वर्ष मे प्रशिक्षित होते है। जबकि अधिक आवश्यकता प्रशिक्षितों की है।

सुझाव:- गौतम बुद्ध नगर मे इस संबंधित इंडस्ट्री का प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाए या क्लस्टर के रूप मे न्यूनतम साझेदारी के आधार पर यह संस्थान खोला जाए। जिसके लिए निशुल्क जमीन आवंटित की जाए, जिसमे केवल इसी से संबंधित इकाईयो की भागीदारी हो जिससे पार्दशिता से कार्य हो सके।

बिंदू नं 5 :- देश मे किसी भी औद्योगिक उत्पादन के सहायक के रूप प्लास्टिक से निर्मित उत्पादो की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसमे घरेलू उत्पाद, ऑटोमोबाइल उत्पाद, बिजली के उत्पाद , स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद, मोबाईल के पार्ट आदि मे प्लास्टिक से निर्मित अनेक पार्ट लगते है। यही पर बडी संख्या मे इस प्रकार की इकाईयां स्थापित है। जिनमे सभी प्रकार के उत्पादों का निर्माण होता है। आपकी सरकार द्वारा पूर्व मे आयोजित औद्योगिक सामिटो में कई यूनिटो को जमीन आवंटित की गई है। जिनका आवंटन हो गया है। उक्त स्थिति मे यहां पर और विस्तृत रूप मे उत्पादन बढाना होगा जिसमे इससे संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण कि आवश्यकता होगी।

सुझाव :- प्रदेश का प्लास्टिक से संबंधित प्रशिक्षण संस्थान सिपेट कानपुर व दूसरा बनारस मे स्थित है। इसी प्रकार की नवीन अतराष्टृीय सुविधाओं से सुसज्जित संस्थान व लैब गौतम बुद्ध नगर मे स्थापित किया जाए। जिससे यहां स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित स्टूडेंट मिल सकें।

बिंदू नं 6: – गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा शहर मे सूक्ष्म लघु मध्यम प्रकार की 10,000 ईकाईया स्थापित है। जिनमे कई लाख कर्मचारी कार्य करते है। इनके स्वास्थ्य संबंधित एकमात्र ESI अस्पताल नोएडा मे स्थित है। जो क्षमता से अधिक स्तर पर कार्य कर रहा है। वह ग्रेटर नोएडा से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपातकाल मे वहां पहुचने मे अधिक समय लगता है व वहा पर संसाधन की पूर्णता की क्षमता से अधिक उपयोग हो रहा है।

सुझाव :- ग्रेटर नोएडा मे अविलंब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ESI का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर शहर के मध्य मे किया जाए जिससे आपातकालीन स्थितियों मे तुरंत सहायता मिल सके। वैकल्पिक व्यवस्था हेतु कैलाश अस्पताल और शारदा अस्पताल मे ESI मान्य हो।

बिंदू नं 7 :- आधुनिक शहर को और गति प्रदान करने लिए परिवहन व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्रेटर नोएडा में जनहित को ध्यान में रखते हुए इसमे और सुधार की आवश्यकता है, जिसमे मैट्रो सेवा का विस्तार महत्त्वपूर्ण है। नोएडा से ग्रेटर नोएडा को जोडने वाली एक्वा लाइन जिसका रूट व्यवहारिक नही है, वह शहर वासियों के लिए बहुत उपयोग होने के बाद भी महत्वपूर्ण सिद्ध नही हो रही।

सुझाव:- पुरानी एक्वा लाईन को एक्सप्रेस वे के साथ सीधे मयूर विहार तक विस्तृत किया जाए। दूसरी प्रस्तावित मैट्रो लाइन, जो सेक्टर 71 नोएडा से ग्रेटर नोएडा के नोलिज पार्क 5 तक प्रस्तावित है। इसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय तक प्राथमिक समय मे विस्तृत किया जाए। जिससे सीधे कम समय व कम खर्चा मे नोएडा के साथ दिल्ली के अनेको स्थानो पर पहुचने मे सुगमता रहे। साथ ही निवासियों को पूर्ण लाभ मिल सके। मैट्रो स्टेशनो के नाम मे औद्योगिक क्षेत्रों के नाम को भी वरीयता दी जाए।

बिंदू न 8 :- ग्रेटर नोएडा मे स्थित एक्सपो सेंटर मे अनको प्रदर्शनियां लगती है। यहां डिजिटल लेन देन अधिक होता है यहां साइबर क्राइम अधिक होता है।

सुझाव :- साइबर क्राइम के लिए पूर्व मे SSP कार्यालय मे ही साइबर क्राइम के लिए अविलंब आधुनिक सुविधाओं युक्त साइबर थाने की स्थापना की जाए।

बिंदू नं 9:- ग्रेटर नोएडा मे बहुत सारे सूक्ष्म उद्यमी है जो किराए पर फैक्टरी लेकर कार्य कर रहै है, सरकार को राजस्व देते है। वह किराए पर है व असंगठित है इनको जगह उपलब्ध होनी चाहिए।

सुझाव – सूक्ष्म प्रकार के उद्यमियों को जो जनपद मे राजस्व संग्रह मे योगदान दे रहे हैं, उन्हे छोटे छोटे प्लाटो का आवंटन दिया जाए ( केवल जिनकी यूनिट दो साल पुरानी है व किराये पर है कर संग्रह के आधार पर पात्रता ) इससे असंगठित कार्य करने वाले संगठित होगे व मुख्य धारा अनुसार कार्य कर सकेंगे। ग्रेटर नोएडा मे फ्लेटिड फैक्टरी को भी चालू किया जाए जिससे बडी यूनिटो की सहायक यूनिट काम कर सके।

बिंदू नं 10 :- कोरोना के समय मे पूर्वी उत्तर प्रदेश के अनेको कामगार यहां से पलायन कर गये। उनके रहने की उपयुक्त व्यवस्था नही है।

सुझाव :- गौतमबुद्ध नगर औद्योगिक शहर है। यहा पर लाखो लोग रोजगार के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यो से आते है। यहां लेबर के स्थायी बहुमंजिले हास्टल बनाए जाए, जिसमे काम करने वाले लोग सामूहिक निवास कर सके। यह सुविधाएं औद्योगिक क्षेत्रों मे विकसित होनी आवश्यक है। बोडाकी रेलवे स्टेशन के पास डारमैटृरी का निर्माण प्राथमिकता से हो, जिसमे लेबर के रहने की सुविधा हो।

सुझाव :- जिस प्रकार अनेक विषयो पर सीएम ने दृढता से जनहित मे फैसले किये है , वह एक वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने मे काफी हद तक आप सफल हुए है। हम सभी जनपद वासियों की ओर से आपको धन्यवाद करते हैं। आप इन बिंदुओ पर ही दृढता से जन हित मे निर्णय लेंगे पूर्ण विश्वास है।

हम उक्त बिंदुओ के माध्यम से यह अवगत कराना चाहते है कि अगर आप इन विशेष बिंदू पर संज्ञान लेंगे तो इस आधुनिक शहर की स्थिति ओर बेहतरीन हो जाएगी। जिसका पूर्ण लाभ सभी निवासियों को होगा व अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी। आपकी इच्छाओं के अनुरूप शहर की परिकल्पित सुव्यवस्थित शहर की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।

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