आईआईटीजीएनएल की टाउनशिप को पीएम ने सराहा, कहा सरकार के काम के नजरिए को दर्शाता है प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर

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ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सरकार की गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के उद्घाटन के दौरान ग्रेटर नोएडा स्थित डी एम आई सी आईआईटीजीएनएल के इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को एक अलग पहचान दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के इंटीग्रेटेड टाउनशिप का प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मल्टी मल्टी मोडल कनेक्टिविटी वर्तमान सरकार के काम करने के नजरिए को दर्शाता है। पीएम ने अपने भाषण में प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मल्टी मोडल कनेक्टिविटी को गति-शक्ति मास्टर प्लान के कांसेप्ट का उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में पेश किया।

गति शक्ति योजना का शुभारंभ करने के मौके पर बुधवार को पीएम ने अपने भाषण में ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड टाउनशिप की सराहना करते हुए कहा कि देश की इंडस्ट्रीज को ऐसी सुविधाएं देने का प्रयास है, जो प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त हो। देश व दुनिया के निवेशकों को सिर्फ अपना सिस्टम लगाना है और काम शुरू कर देना है। भारत के पोर्ट्स एवं अन्य भागों को डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए टाउनशिप से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए यहां मल्टीमॉडल लॉजिस्टक हब बनाया जाएगा। इसी के बगल में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा, जिसमें स्टेट ऑफ द आर्ट रेलवे टर्मिनल होगा। राज्यीय व अंतर्राज्जीय बस अड्डा भी बनेगा। यह मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम से जुड़ेगा। इससे पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व आईआईटीजीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण ने लखनऊ में इंटीग्रेटेड टाउनशिप, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक व ट्रांसपोर्ट हब पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअली और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना समेत कई उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अफसर शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी सराहना करते हुए कहा कि टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब इस क्षेत्र के विकास को नया आयाम देंगे एवं प्रधानमंत्री गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लान को वास्तविक रूप देने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना कीl इस दौरान औद्योगिक विकास राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति, मुख्य सचिव आरके तिवारी, औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार व नवनीत सहगल सहित शासन के तमाम वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप में 10 हजार युवाओं के रोजगार का खुला द्वार

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई गई है। यह देश के सबसे स्मार्ट टाउनशिप में से एक है। इसमें ऑटोमेटेड वेस्ट प्लांट लगाया गया है। हर प्लॉट से पाइप के जरिए कूड़ा प्लांट तक पहुंचेगा और प्रोसेस होकर कंपोस्ट में तब्दील हो जाएगा। हर प्लांट पर उसके लिए प्वाइंट दिए गए हैं। पेयजल को छोड़कर शेष जरूरत कासना स्थित 137 एमएलडी एसटीपी से शोधित पानी से पूरी होगी। प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर बनी इस टाउनशिप में उद्यमी इकाई लगाकर काम शुरू कर सकता है। इस टाउनशिप में वाक-टू-वर्क, 24 घंटे बिजली, एलईडी लाइट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यह टाउनशिप सीसीटीवी से लैस होगी। इस टाउनशिप की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इस टाउनशिप में पांच बड़ी कंपनियां अपना प्लांट लगा रही हैं। इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। ये कंपनियां 3700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रही हैं और करीब 10 हजार युवाओं को रोजगार देंगी।

मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से एक लाख को मिलेगा रोजगार

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भारत सरकार के सहयोग से बोड़ाकी के आसपास 7 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर मल्टीमॉडल ट्रांंसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब की योजना है। इन दोनों परियोजनाओं पर भारत सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। अब तक करीब 85 फीसदी जमीन प्राप्त हो गई है। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के अंतर्गत बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल, अंतर्राज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा विकसित की जाएगी। रेल टर्मिनल बन जाने के बाद पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी। परिवहन की इन तीन सुविधाओं (रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व मेट्रो स्टेशन) को यात्रियों के लिए और सुगम बनाने की कोशिश हो रही है।

मुंबई हो या कोलकाता 15 घंटे में पहुंचेगा उद्योगों का माल

लॉजिस्टिक हब बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित उद्योगों के लिए कच्चे माल एवं उनके द्वारा तैयार माल की ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, गुजरात, कोलकाता आदि जगहों पर यहां से माल जाने-आने में अभी चार से पांच दिन लगते हैं, इसके शुरू होने के बाद माल डेढ़ दिन में देश के किसी भी कोने में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब दादरी के पास से गुजर रही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भी जुड़ेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। काम शुरू होने के बाद करीब तीन साल में परियोजना तैयार हो जाएगी।

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