मथुरा जिले के जोधपुर झाल के लिए सजग हुए पर्यावरण प्रेमी, सरकार का ध्यान दिलाने के लिए लिखा खत

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (30/07/2022): मथुरा जिले के जोधपुर झाल से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर रॉयल बर्ड वाचर्स ग्रुप के मेंबर वी वी एस एन राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है।

जानकारी के अनुसार जोधपुर झाल एक वेटलैंड है। इस वेटलैंड पर सर्दियों में सुदूर देशों से पक्षियों का माइग्रेशन होता है। हजारों की संख्या में पक्षी यहां शरण लेते है। इस वेटलैंड पर 185 प्रजातियों के प्रवासी व आवासीय पक्षी रिकार्ड किए गए है।

जोधपुर झाल वेटलैंड , सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी आगरा व राजस्थान की विश्व विख्यात केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी के मध्य स्थित है। यहां 50 से अधिक पक्षियों की प्रजातिया प्रजनन करती हैं। जिनमे जमीन पर घोंसले बनाने वाली प्रजातिया प्रमुख है विशेषकर उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी सारस क्रेन जो कि अति संकटग्रस्त श्रेणी के अंतर्गत आता है के तीन जोड़े तक हर साल प्रजनन करते है

जोधपुर झाल वेटलैंड के फौना व फ्लोरा पर शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं एवं आगरा विश्वविद्यालय का एक छात्र Ph.D कर रहा है।
जैव विविधता पर अध्ययन व संरक्षण कार्य करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के प्रयासों से जोधपुर झाल वेटलैंड को वेटलैंड व पक्षी विहार के रूप मे विकसित करने के प्रयास किये गये ।

 

नोएडा निवासी वी वी एस एन राव ने अपने पत्र में लिखा है कि मथुरा के ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इस वेटलैंड के लिए सेवानिवृत्त जिला फारेस्ट अधिकारी के निर्देशन में वेटलैंड विशेषज्ञों के सुझाव लेकर DPR तैयार की गई है जिसे माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना को मंजूरी दी गई थी । लेकिन कुछ स्वार्थी तत्व इस वेटलैंड व पक्षी विहार की योजना के विरुद्ध अनर्गल प्रचार कर रहे जिसमे उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग प्रमुख है। क्योकि 2018 मे सिंचाई विभाग के द्वारा जल भंडारण का प्रोजेक्ट बनवाया था, जिसमें जोधपुर झाल में 12 से 15 फीट तक पानी भरवा कर भूगर्भीय जल स्तर में सुधार करना व झील बनाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना था । यह प्रोजेक्ट इसलिए रद्द कर दिया था क्योंकि वह जोधपुर झाल वेटलैंड के फौना व फ्लोरा के संरक्षण के अनुकूल नही था।

“जल स्तर के अधिक बढ़ जाने पर यहां आने वाले वेडर प्रजाति के पक्षियों का हेविटाट नष्ट हो जाएगा व आसपास की कृषि भूमी अधिक नमी के कारण बेकार हो जाएगी। सिचाई विभाग को जल भंडारण के नाम पर करोड़ो का आबंटन होना वाला था जो नही मिल पाया। अब कुछ स्वार्थी लोग इस वेटलैंड को पक्षी विहार न बनने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। महोदय जोधपुर झाल वेटलैंड पर विदेश व देशी पर्यटक पूरे साल यहां पक्षियों को देखने आते हैं। सरकारी प्रयासों से यह आगरा मंडल का बड़ा राजस्व प्राप्त करने का ईको टूरिज्म का केन्द्र बन सकता है, ” उन्होंने अपने पत्र में कहा।

सरकार को इस विषय में कार्यवाही करने का निवेदन करते हुए वह बोले, “प्रधानमंत्री से और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से करबद्द प्रर्थना है कि इस अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जोधपुर झाल वेटलैंड को अति शीघ्र सिंचाई विभाग से NOC दिलवाकर कार्य प्रारंभ कराने की कृपा करें व इस प्रोजेक्ट में बाधा डालने वाले स्वार्थी तत्वों की पहचान कर दण्डित करने का कष्ट करें ।”


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