Advanced Medical Technology Association, said today that they are encouraged by the new government’s commitment to creating a regulatory framework

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मेडिकल उपकरण उद्योग न े इस क्षेत्र में सरकार के ताज़ा प्रयासों की सराहना की

नई दिल्ली – 20 फरवरी, 2015ः एडवान्स्ड मेडिकल टेकनोलोजी एसोसिएशन, एडवामेड के सदस्यों ने आज बताया कि वे विनियामक ढांचे के निर्माण के प्रति नई सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर बेहद उत्साहित हैं, जो कि निश्चित रूप से उद्योग जगत के लिए अनुक ूल हा ेगा तथा भारतीय मरीज़ों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। गोलमेज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इण्डिया वर्कि ंग ग्रुप आॅफ एडवामेड के च ेयरम ैन श्री स ंजय ब ैनर्जी ने कहा, ‘‘हम दवा एव ं काॅस्मेटिक 1⁄4संशोधन1⁄2 विधेयक का े लेकर सरकार क े फैसल े की सराहना करते हैं। एक अनुकूल, युक्तिस ंगत विनियामक वातावरण भारतीय मरीज़ों के लिए मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता में सुधार लाएगा, इससे निश्चित रूप से इन उपकरणो ं की कीमतें भी कम होंगी। विधेयक का पास होना इस तथ्य को इंगित करता है कि  स्थ्यसेवा क्षेत्र में चिकित्सा उपकरणों के महत्व को पहचाना जा रहा है।’’

भारत में मेडिकल उपकरण वर्तमान मे ं स्वास्थ्य सेवाओ ं के कुल व्यय का मात्र 6 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। देश मे ं रोगों 1⁄4विशेष रूप से गैर-स ंचारी रोगो ं1⁄2 के बढ़ते बोझ को देखते हुए मेडिकल उपकरणों को महत्व देना बेहद ज ़रूरी है। गौरतलब है कि इन उपकरणो ं को अक्सर दवाओ ं के रूप मे ं देखा जाता ह ै। भारत में 14000 में से मात्र 14 ऐसे उपकरण हैं जिन्हें मेडिकल उपकरणों के रूप मे ं पहचाना गया ह ै और ये फार्मास्युटिकल्स द्वारा विनियमित हैं।

‘‘भारत में संचारी रोगों की तुलना में गैर-संचारी रोगों का प्रसार तेज ़ी से बढ ़ रहा है, ऐसे में चिकित्सा प्रोद्यौगिकी को मरीज़ों के जीवन की गुणवत्ता मे ं सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। हमे ं यह देखकर खुशी होती है कि प्रधानम ंत्री एवं उनकी सरकार ने अपने ‘मेक इन इण्डिया’ अभियान के माध्यम से इस दिशा मे ं कदम बढ ़ाए है ं। आॅटोमेटिक रूट के तहत 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने का फैसला सराहनीय है। हमे ं विश्वास है कि दवा एवं काॅस्मेटिक 1⁄4संशोधन1⁄2 विधेयक 2015 इन उद्देश्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।’’ एड्वामेड क े इण्डिया वर्किंग ग्रुप क े वाईस-चेयर श्री विभव गर्ग ने बताया।

2014 सीआईआई-बीसीजी रिपोर्ट के अनुसार एक उपयुक्त विनियामक वातावरण मे ं यह स ेक्टर 2025 तक विकसित होकर 50 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक पहुंच सकता है। ‘‘हमें उम्मीद ह ै कि सरकार क े ये सराहनीय प्रयास दवाओं और मेडिकल उपकरणों के बीच सही विभेद विकसित करेंगे तथा निर्माता क े हर दृष्टिकोण से लेकर मूल्य निर्धारण तक इसके हर पहल ू को महत्व दिया जाएगा।’’ श्री बैनर्जी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।

एडवाम ेड क े बार े म े ं एडवान्स्ड मेडिकल टेकनोलोजी एसोसिएशन मेडिकल उपकरण निर्माताओं का एक स ंघ है। एडवामेड की सदस्य कम्पनियां मेडिकल उपकरणों, नैदानिक उत्पादों तथा चिकित्सा सूचना प्रणाली का उत्पादन करती हैं जो विभिन्न रोगों के निदान से लेकर उपचार तक में प्रभावी है ं। एडवामेड के सदस्यो ं मे ं बड ़े से छोटे चिकित्सा प्रोद्यौगिकी इनोवेटर एवं कम्पनियां शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए विजि़ट करें  ूूूण्ंकअंउमकण्वतहण्

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