नई दिल्ली, 12/01/22: भारत और चीन सीमा पर पिछले लंबे समय से संघर्ष जारी है। चीन और भारत के बीच सीमा पर संघर्ष को लेकर कई वाद विवाद हो चुका है। हिंदुस्तान के खिलाफ गंदी चाल चलने वाला चीन कई बार बेनकाब हो चुका है। अक्सर चीन ने कई बार ऐसे घिनौने कामों को अंजाम दिया है जिससे उसकी पूरी दुनिया में जबरदस्त आलोचना हुई है। हिंदुस्तान और चीन के बीच सीमा पर जो संघर्ष है वह जारी है।
इसी बीच पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने जानकारी दी और बताया कि आंशिक तौर पर सैनिक पीछे हटे हैं, लेकिन खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है। जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीते साल जनवरी से हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है। उत्तरी सीमाओं पर हमने संचालनात्मक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखा, साथ ही बातचीत के माध्यम से पीएलए चीनी सेना के साथ जुड़ना भी जारी है। कई इलाकों में आपसी सहमति से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने की प्रक्रिया शुरू हुयी है।
जनरल नरवणे ने कहा कि कोर कमांडर स्तर की 14वीं वार्ता चल रही है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम इसमें प्रगति देखेंगे। हालांकि आंशिक रूप से डिसइंगेजमेंट हुई है, लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड में आतंकवादियों की संख्या में वृद्धि हुई है और बार-बार नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं। यह एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबों को उजागर करता है।’
सेना प्रमुख ने भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति को लेकर कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सुरक्षा कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने पूर्वी लद्दाख समेत पूरे नॉर्दर्न फ्रंट में फोर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, हथियारों की क्षमता बढ़ाई है। नॉर्दर्न फ्रंट में पिछले डेढ़ साल में हमारी क्षमता कई तरह से बढ़ी है।’