Delhi: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने किसानों के रेल रोको अभियान को लेकर कहा कि 80 दिन किसान आंदोलन को हो चुके है। सेंकडो किसानों ने सहादत दी। मैंने अपनी जिंदगी में आज तक इतना बड़ा और इतना शांतिपूर्ण आंदोलन नही देखा।
26 जनवरी के बहाने भाजपा सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की भी कोशिश की थी। दीप सिद्धू पकड़ा गया , जो लालकिला हिंसा का आरोपी है। उसका कनेक्शन भाजपा के बड़े नेताओ के साथ भी रहा है। परन्तु किसानों ने रैली अपने तय स्थानों पर निकाली। दिल्ली मे जो साजिश रची गयी। इसपर तो एक लंबी कार्यवाही बाकी है। इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार ने एमएसपी पर कोई कानून बनाने का और इन कानून को वापिस लेने का आश्वासन नही दिया।
आगे उन्होंने कहा सरकार कहती है कि इस कानून से आपको कोई नुकसान नही होने वाला, तो हम पूछते है कि फिर फायदा किसको होने वाला है। इसमें सिर्फ पूंजीपतियों का फायदा होने वाला है। किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है और मझे लगता है सरकार को जरूर इस मामले मे झुकना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री के आंदोलनजीवी बाले बयान को लेकर सुशील गुप्ता ने कहा की प्रधानमंत्री को किसानों के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल शोभा नही देता। आंदोलन तो इस देश के अंदर स्वतंत्रता के टाइम से चल रहा है। प्रधानमंत्री ने खुद से बैठकर किसानों से चर्चा नहीं की मैं समझता हूं कि अगर प्रधानमंत्री जी खुद से एक बार बात करेंगे तो यह मसला जल्द से जल्द हल हो जाएगा।
आगे उन्होंने कहा किसान सिंघु बॉर्डर पर बैठे हैं, किसान टिकरी बॉर्डर पर बैठे हैं और किसान गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हैं। लेकिन पुलिस के द्वारा अन्य रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं। जिसकी वजह से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है हम अपील करना चाहते हैं पुलिस से की आंदोलन की जगह के अलावा जो अन्य रास्ते पुलिस ने बंद कर रखे हैं। उनको खोल दें जिससे कि लोगों की परेशानी कम हो सके।