BUILDER CANNOT HANDOVER POSSESSION BEFORE REGISTRATION OF PROOPWRTY : DM N P SINGH GAUTAM BUDH NAGAR

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बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए जिलाधिकारी एनपी ¨सह ने कड़े कदम उठाए हैं। बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन ने बिल्डरों के साथ बैठक कर कड़े निर्देश दिए कि निवेशकों के पक्ष में फ्लैट की रजिस्ट्री करने के बाद ही उसकी चाबी सौंपी जाए। यदि किसी भी बिल्डर ने बिना रजिस्ट्री के फ्लैटों पर निवेशकों को कब्जा देने का प्रयास किया तो प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। बिल्डरों पर भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रशासन के इस कड़े रुख से उन निवेशकों की ¨चता बढ़ गई है, जिन्होंने फ्लैट की रजिस्ट्री कराए बिना ही कब्जा ले लिया और उसमें रहने लगे हैं।
ग्रेटर नोएडा में करीब 20 बिल्डरों ने अपनी परियोजनाओं का कंप्लीशन प्राधिकरण से ले लिया है। इनमें 29313 फ्लैट बन चुके हैं। इनमें से 13851 फ्लैटों की खरीदारों ने रजिस्ट्री करा ली है। शेष फ्लैटों की रजिस्ट्री होना बाकी है। प्रशासन को इस तरह की शिकायत मिल रही है कि बिल्डर बिना रजिस्ट्री कराए खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा दे रहे हैं। यह यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2010 की धारा 12 का उल्लंघन है। इस धारा में स्पष्ट लिखा गया है कि बिल्डर खरीदार के पक्ष में फ्लैट की रजिस्ट्री करने के बाद ही उस पर कब्जा देंगे, लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बिल्डर परियोजनाओं में इसका उल्लंघन किया जा रहा है। बिल्डर पर लगाम कसने के लिए प्रशासन आगे आया है। बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कलक्ट्रेट पर बिल्डरों के साथ बैठक की। सहमति बनी कि अब बिना रजिस्ट्री के फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया जाएगा। नोएडा में 30 हजार फ्लैटों की होनी है रजिस्ट्री
जहां ग्रेटर नोएडा में करीब 16 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री होना बाकी है, वहीं नोएडा में भी एक दर्जन बिल्डरों को कंप्लीशन मिल चुका है। उनकी परियोजनाओं में 30 हजार फ्लैट बनाकर तैयार हो चुके हैं। बिल्डर शीघ्र तीस हजार खरीदारों को फ्लैटों की चाबी सौंपेंगे। प्रशासन ने बिल्डरों को कड़े शब्दों में कहा कि बिना रजिस्ट्री के फ्लैटों पर कब्जा न दिया जाए। नोएडा में पांच हजार खरीदारों पर संकट : नोएडा में करीब एक दर्जन बिल्डर परियोजनाओं में पांच हजार खरीदार ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैटों की रजिस्ट्री कराए बिना उनमें रहना शुरू कर दिया है। प्रशासन के कड़े कदम से खरीदारों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। उन्होंने अविलंब फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कराई तो प्रशासन बिल्डरों के साथ उन पर भी जुर्माना लगाएगा। ऐसे फ्लैटों को सीज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। ग्रेनो में 15 सौ खरीदार सांसत में : ग्रेटर नोएडा में डेढ़ हजार खरीदार ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैटों की रजिस्ट्री कराए बिना उनमें रहना शुरू कर दिया है। इन्हें भी तत्काल फ्लैटों की रजिस्ट्री करानी होगी, अन्यथा प्राधिकरण इनके खिलाफ भी कार्रवाई करेगा। दोनों जगह ऐसे निवेशकों को शीघ्र नोटिस जारी किए जाएंगे परियोजना विभाग की रिपोर्ट पर बिल्डर नहीं ले सकेंगे लाभ.,: बिल्डर अब परियोजना विभाग की रिपोर्ट पर जीरो पीरियड का लाभ नहीं ले सकेंगे। प्राधिकरण ने इस पर रोक लगा दी है। अब सिर्फ उन्हीं बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा, जिनकी आवंटित जमीन पर कोर्ट में मामला विचाराधीन होगा। इसके लिए बिल्डरों को कोर्ट में चल रहे मामले की प्रति लगानी होगी। प्राधिकरण मौके पर जाकर स्थिति देखेगा। इसके बाद बिल्डरों को किश्तों में ब्याज की छूट दी जाएगी। दरअसल, बिल्डरों को आवंटित जमीन पर किसानों के साथ विवाद है। अनेक जगह पर किसानों ने बिल्डरों को जमीन पर कब्जा नहीं लेने दिया है। इससे बिल्डर समय पर अपने प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू नहीं कर पाए। वहीं प्राधिकरण की किश्तों पर ब्याज राशि बढ़ती गई। बिल्डरों ने ब्याज माफी के लिए जीरो पीरियड की नीति बनवाई। इस नीति के तहत उन बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ देते हुए ब्याज नहीं लिया गया, जिनके जमीन पर किसानों के साथ विवाद था। इसके लिए परियोजना विभाग से रिपोर्ट ली जाती थी। प्राधिकरण के पास विभाग से गलत रिपोर्ट मिलने की शिकायत आने लगी थी। बताया जाता है कि कई बिल्डरों ने गलत रिपोर्ट लगवाकर जीरो पीरियड का लाभ ले लिया। प्राधिकरण ने अब इस पर कड़ाई से लगाम लगाने का निर्णय किया है। अब परियोजना विभाग की रिपोर्ट पर जीरो पीरियड का लाभ नहीं दिया जाएगा। सिर्फ उन्हीं मामले में बिल्डरों को लाभ मिलेगा, जो कोर्ट में विचाराधीन हैं।

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