योग एवं वैलनेस फेस्टिवल में भाग लेने पहुँचे कैबिनेट मंत्री, बड़ी संख्या में किसानों ने सीखे जैविक खेती के गुण

Abhishek Sharma

Galgotias Ad

Greater Noida (15/12/18) : ग्रेटर नोएडा स्थित शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार से शुरू हुए प्रजापति ब्रह्माकुमारी संस्था ने तीन दिवसीय योग एंड वेलनेस फेस्टिवल में आज दूसरे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया।

फेस्टिवल के संयोजक व इंडिया एक्स्पो मार्ट के निदेशक विवेक विकास ने बताया कि पहले दिन विभिन्न स्कूलों के लगभग 3000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने रंगोली, वेस्ट से बेस्ट, योग, पेंटिंग व रिले रेस में भाग लिया।

कार्यक्रम के दुसरे दिन उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही भी किसान महासम्मेलन के लिए उपस्थित रहे। आज किसान महासम्मेलन होने के कारण क्षेत्र के सैकड़ों किसान मौके पर पहुंचे और यौगिक खेती के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ठाकुर और दादरी विधायक तेजपाल नागर भी मौजूद रहे।

कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में किसान रासायनिक खेती करते हैं जिससे कि उपजाऊ भूमि भी धीरे-धीरे बंजर होने लगती है। किसान खेतो में यूरिआ और डीएपी जैसे कीटनाशक खादों का प्रयोग किया जाता है ये रासायनिक खाद तत्काल प्रभाव जरूर दिखते हैं लेकिन समय के साथ जमीन की उपज घटने लगती है। रासायनिक खादों की जगह अगर किसान गौमूत्र और गाय के गोबर को खेतों में खाद के रूप में प्रयोग करें तो कम लागत में अच्छी खेती निश्चित ही किसानों को देखने को मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि देश में वैदिक काल से ही कृषि होती आ रही है, एक तरह से जीवन का मुख्य आधार कृषि ही हमारे देश के भीतर रहा है।

इतिहासों में हमने पढ़ा है कि हमारी धरती सोना उगलती थी, दूध, दही की नदियां बहती थी। अब दूध दही का अकाल पड़ रहा है, नदियां भी सूख रही है, ज़मीन बंजर हो रही है। यह सब सिर्फ रासायनिक खादों और हम लोगों की लापरवाही के कारण हो रहा है।

आज के समय में वायु, पानी, ज़मीन, खाना सब ज़हरीला हो गया है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी रहती है। कैंसर के मरीजों में तेजी से वृद्धि हुई है इन सबके पीछे अशुद्ध खान-पान है। अगर हम जैविक और यौगिक तरीके से खेती करें तो इन सब चीजों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज की संगोष्ठी का सबसे बड़ा उद्देश्य प्राकर्तिक संसाधनों का उपयोग करना है।

जितना हम प्राकृतिक संसाधनों को दैनिक उपयोग में लाएंगे उतना ही हम सब बीमारियों से बच सकेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.