कालिंदी कुंज रोड बंद होने से गौतमबुद्ध नगर के उद्यमी और निवासियों में आक्रोश  , जल्द रास्ता खोलने की मांग 

Rohit Sharma / Abhishek Sharma / Baidyanath Halder

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नोएडा (13/01/2020) :– शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने के कारण लगभग एक महीने से बंद कालिंदी कुंज रोड के कारण लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। किसी की ट्रेन छूट रही है तो बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। किसी को ड्यूटी जाने में लेट हो रहा है तो किसी को अस्पताल पहुंचने में परेशानी हो रही है।

कालिंदी कुंज रोड जाम होने के कारण लोगों को कहीं आने जाने के लिए कई किलोमीटर तक चक्कर लगाना पड़ रहे हैं। रोड बंद होने के कारण मथुरा रोड, डीएनडी और रिंग रोड पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। इन रास्तों पर भारी जाम लग रहा है।

ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है। सबसे अधिक प्रभाव नोएडा , सरिता विहार और मदनपुर गांव में रहने वालों पर पड़ रहा है। रोड जाम के कारण सफाई पर असर पड़ रहा है। नगर निगम की गाडिय़ां कूड़ा उठाने के लिए नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे इलाके में कूड़ा नहीं उठ पा रहा है और सड़क पर फैला है। दुर्गंध के कारण आनेजाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस मामले में टेन न्यूज़ ने कोनरवा संस्था के अध्यक्ष पीएस जैन से बातचीत की , उनका कहना है की सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने के कारण लगभग एक महीने से बंद कालिंदी कुंज रोड के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है | इस मामले में सरकार को ध्यान देना चाहिए | साथ ही उनका कहना है की बीजेपी पार्टी के लोग सीएए-एनआरसी को लेकर जागरूकता रैली कर लोगों को समझा रही है , लेकिन जिस जगह इसकी ज्यादा जरूरत है , वहाँ नहीं जा रही है |

वही इस मामले में ब्रिगेडियर अशोक हक़ का कहना है की सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने के कारण जो कालिंदी कुंज रोड बंद है , उसको तत्काल प्रभाव से खोल देना चाहिए | अगर इस मामले में सरकार सख्त कदम नहीं उठाती है तो बहुत से लोग इसका गलत फायदा उठाएंगे | साथ ही उनका कहना है की इस मामले में सरकार और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को समझाए , अगर तब भी वो इस जगह से नहीं हटते है तो बल पूर्वक उनको हटाया जाए |

उद्यमी राजीव गर्ग ने कहा की सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने के कारण जो एक महीने से कालिंदी कुंज रोड बंद है , वो बिलकुल गलत है | इसके कारण बहुत से कर्मचारी जो दिल्ली से नोएडा आते है , उनको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है | सभी कर्मचारियों का समय ख़राब होता है , साथ ही उन्हें ज्यादा पैसा देना होता है | जो लोग धरने पर बैठे है , उन्हें समझना चाहिए की आपकी वजह से लोग कितने परेशान हो रहे है | सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की आप किसी भी सड़क को जाम नहीं कर सकते है , लेकिन राजनीती के चककर में ये लोग एक महीने से यहाँ पर बैठे है | सरकार और पुलिस को सख्त कदम उठाने चाहिए | 

उद्यमी प्रवीण अग्रवाल का कहना है की सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने के कारण जो एक महीने से कालिंदी कुंज रोड बंद है , जिसके कारण बहुत नुकसान हो रहा है , समान सही समय पर नहीं जा पा रहा है | कर्मचारी समय पर कंपनी में नहीं आ रहे है | सरकार को इस मामले में विशेष ध्यान देना चाहिए | शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन के चलते कालिंदी कुंज को सरिता विहार और नोएडा से जोड़ने वाला मार्ग एक माह से बंद है। इससे नौकरी पेशा वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस को यह मार्ग जल्द खुलवाना चाहिए।

वही इस मामले में सेक्टर 18 मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके जैन का कहना है की मथुरा रोड और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क 13ए से बैरीकेडिंग हटा कर उसे वापस खोला जाए। मालूम हो कि नागरिकता कानून के विरोध में शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले कई दिनों से इस सड़क को बंद रखा गया है। इससे लोगों को नोएडा-दिल्ली आने जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस सड़क के बंद होने के कारण दक्षिण दिल्ली व फरीदाबाद का नोएडा से संपर्क टूट गया है। दस मिनट की दूरी तय करने में लोगों को एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। दक्षिण दिल्ली, बदरपुर, फरीदाबाद के लोगों को डीएनडी, आश्रम चौक व एनएच-9 होकर नोएडा जाना पड़ रहा है। साथ ही जाम का सामना भी करना पड़ा रहा है।

उनका कहना है की कालिंदी कुंज रोड बंद होने से व्यापारियों में आक्रोश है , कोई भी दिल्ली का खरीदार नोएडा में नहीं आ रहा है , जिसके कारण बहुत नुकसान हो रहा है | साथ ही उन्होंने बताया की सेक्टर 18 के बहुत से व्यापारी दक्षिण दिल्ली में रहते है , वो हमेशा लेट हो जाते है | जिसके चलते उन सभी का व्यापार चौपट होता जा रहा है | 

वही इस मामले में एनईए के अध्यक्ष विपिन मल्हन का कहना है की नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन से पूरे दिल्ली एनसीआर में लाखों लोग प्रतिदिन इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा और जो देश में विकास की योजनाएं चल रहे हैं उन पर भी फर्क देखने को मिलेगा। एक मुख्य सड़क को बंद करके अपना विरोध जताना कहां की समझदारी है पुलिस को यह सरकार को इस पर तुरंत कोई एक्शन लेना चाहिए एवं मार्ग का आवागमन सुचारू रूप से होता रहे।

इस मुद्दे पर टेन न्यूज़ ने ग्रेटर नोएडा के गणमान्य लोगों से बातचीत की एवं जाना कि शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन कानून   हुए इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव एस. पी शर्मा ने कहा कि गौतम बुध नगर, दिल्ली, फरीदाबाद के जो औद्योगिक क्षेत्र हैं, यहां पर एक दूसरी जगह से हर प्रकार का माल जरूरत के अनुसार लाया व भेजा जाता है। शाहीन बाग में चल रहे धरने से माल के आवाजाही पर बेहद प्रभाव पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टर उद्यमियों से दुगनी लागत पर काम कर रहे हैं, उनका भी काफी समय बर्बाद हो रहा है।

ओखला जाने के लिए वर्तमान में 5 से 6 घंटे  लग रहे हैं। जबकि सामान्य स्थिति में 45 मिनट या 1 घंटे का समय लगता है। तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शाहीन बाग में चल रहे धरने से जनजीवन कितना प्रभावित हो रहा है। वही दिल्ली नोएडा फरीदाबाद में कारीगर आते जाते हैं, उनका भी काफी समय बर्बाद हो रहा है।

वहीं पहले के किराए की तुलना में अधिक किराए व इंधन की लागत आती है। इससे उद्यमियों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनको समय पर वर्कर नहीं मिल रहे। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन से पूरे दिल्ली एनसीआर में लाखों लोग प्रतिदिन इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा और जो देश में विकास की योजनाएं चल रहे हैं उन पर भी फर्क देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मेरा दिल्ली पुलिस कमिश्नर से निवेदन है कि शाहीन बाग में चल रहे धरने को स्थानांतरित कराया जाए या फिर इसे समाप्त कराया जाए। ताकि आम लोगों को सहूलियत हो सके। एक मुख्य सड़क को बंद करके अपना विरोध जताना कहां की समझदारी है पुलिस को यह सरकार को इस पर तुरंत कोई एक्शन लेना चाहिए एवं मार्ग का आवागमन सुचारू रूप से होता रहे।

ग्रेटर नोएडा में रहने वाले गोल्डन फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष देवेंद्र टाइगर ने कहा कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे धरने प्रदर्शन से लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते सबसे अधिक परेशानी छात्रों को हो रही है, क्योंकि ग्रेटर नोएडा एजुकेशन हब है। पूरे दिल्ली-एनसीआर से रोजाना हजारों की तादाद में छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं। वही नोएडा-ग्रेटर नोएडा के छात्र भी दिल्ली जाते हैं।

छात्रों को  उनके कॉलेज तक पहुंचने के लिए घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले में सबसे अधिक नुकसान छात्रों का हुआ है । जबकि छात्रों का इसमें कोई कसूर नहीं है। प्रदर्शन के चलते छात्रों का आर्थिक नुकसान, पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।  बच्चों के जाम में फसे होने से अभिभावक भी घर पर चिंतित रहते हैं। उनका कहना है कि इस मामले में राजनीति की रोटी सेकी जा रही है।

उन्होंने कहा कि गोल्डन फेडरेशन ऑफ आरडब्लूए ग्रेटर नोएडा इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को संबोधित ज्ञापन सौंपेगी। शाहीन बाग में चल रहे धरने को हटवाने के लिए पुलिस को तुरंत एक्शन लेना चाहिए ताकि जनजीवन प्रभावित न हो।

महिला शक्ति सामाजिक समिति की अध्यक्ष साधना सिन्हा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर करीब पिछले 1 महीने से मुस्लिम समुदाय के लोग शाहीन बाग में धरने पर बैठे हुए हैं। जिसके चलते जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त है। शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के चलते न केवल दिल्ली बल्कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर के लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नौकरी पेशा वाले लोग समय पर काम पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि  लोग सुबह से शाम तक भी जाम में फंसे रहे हैं। जिससे उनकी दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है। दिल्ली पुलिस को इस धरने को तुरंत समाप्त कराना चाहिए।

वहीं, सचिव अंजू पुंडीर ने कहा कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के चलते पूरा एनसीआर प्रभावित है।  छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। छात्र विरोध प्रदर्शन के चलते कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। वही आईजीआई एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को भी जाम में खड़े होकर हाजिरी लगाकर जाना पड़ रहा है। स्थिति और खराब हो उससे पहले दिल्ली पुलिस को इस ओर विशेष ध्यान देना पड़ेगा। उनका कहना है कि महिला शक्ति सामाजिक समिति मांग करती है कि जल्द से जल्द धरने  पर बैठे लोगों को वहां से हटाया जाए जिससे कि व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।

आपको बता दे कि रास्ता बंद होने से परेशान होकर करीब एक दर्जन गांव के लोग एक जुट होकर सड़क पर उतरे थे । लोगों ने मथुरा रोड पर पदयात्रा निकाली। खिजराबाद, तैमूर नगर, सराय जुलैना, भरत नगर, जसोला, मदनपुर खादर, आली गांव, आली विस्तार, बदरपुर, जैतपुर, मीठापुर, सरिता विहार, मदनपुर खादर जेजे कॉलोनी, गौतमपुरी, मोलड़बंद, मोहन एस्टेट, तुगलकाबाद, तेहखंड गांव, हरि नगर, ओम विहार आदि गांवों व कॉलोनियों से लोग पदयात्रा में शामिल हुए थे।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में कालिंदी कुंज मार्ग को खुलवाने की मांग को लेकर सरिता विहार, मदनपुर खादर विस्तार, आली विहार, जसोला, तैमूर नगर, खादर जेजे कालोनी आदि के निवासियों ने मार्च किया और पुलिस बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर प्रदर्शन-मार्च समाप्त कर दिया गया।

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