कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिख सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्री पद से हटाने की मांग

Abhishek Sharma /Lokesh Goswami Tennews New Delhi :

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मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है. एक के बाद एक कई कांग्रेस विधायक पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सिंधिया का समर्थन करने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इसी बीच, प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है।

प्रजापति ने कहा, “मैं विधानसभा की स्थापित प्रकिया के अनुसार एक्शन लूंगा.”मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य पार्टी नेताओं के साथ विधानसभा स्पीकर से मुलाकात करके 19 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे उन्हें सौंपे।

मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच सपा विधायक राजेश शुक्ला और बीएसपी विधायक संजीव कुश्वाहा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इधर, बेंगलुरू में ठहरे कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को सुरक्षा का डर सता रहा है। इसलिए, विधायकों ने कर्नाटक डीजीपी को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग की है। पत्र में लिखा है, “हम कर्नाटक में स्वैच्छिक रूप से कुछ काम से आए हैं। हमें बेंगलुरू में स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए सुरक्षा की जरूरत है।’

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई। इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है।

कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह ने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. बेंगलुरू में ठहरे 19 कांग्रेसी विधायकों ने अपने इस्तीफे राजभवन को भेज दिए हैं. इस तरह से 20 विधायकों ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया है। इसी बीच, खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठे लिखकर सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है। सीएम ने जल्द आदेश जारी करने की अपील की है।

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