दिल्ली : कोरोना वॉरियर पति-पत्नी की मौत, बेटे का केजरीवाल सरकार पर आरोप- वक्त पर नहीं हुआ इलाज 

Rohit Sharma

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नई दिल्ली :– दिल्ली के रोहिणी में कोरोना ने दो बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छीन लिया. एक कोरोना वॉरियर दंपति की मौत से इस महामारी के खिलाफ सरकारी इंतजामों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल इसलिए गंभीर है, क्योंकि दंपति के बेटे का आरोप है कि अगर वक्त पर उनके माता-पिता को इलाज मिला होता तो दोनों आज शायद जिंदा होते |

रोहिणी के बागवान अपार्टमेंट में रहने वाले मलिक परिवार को कोरोना ने ऐसे जख्म दिए, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी. कोरोना के कहर ने एक हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया. बच्चों के सिर से मां-बाप दोनों का साया उठ गया. डॉक्टर रिपोन मलिक और उनकी पत्नी बैकाली मलिक, दोनों कोरोना वारियर थे |

बैकाली एमसीडी स्कूल मे टीचर थीं. 18 अप्रैल तक वो स्कूल में जरूरमंदों को खाना बांटने की ड्यूटी करती रहीं. उनके पति डॉक्टर रिपोन भी उनके साथ जाते थे. 23 अप्रैल को बैकाली की तबियत बिगड़ी और बाद में उनके पति रिपोन भी बीमार हो गए. इलाज के दौरान तीन और चार मई को दोनों ने दम तोड़ दिया |

उनके बेटे शोभन मलिक का आरोप है कि कोरोना के लक्षण होने के बावजूद दोनों का टेस्ट नहीं किया गया औऱ वक्त पर इलाज न मिलने की वजह से ही दोनों की जान चली गई. रिपोन के बेटे का आरोप है कि अगर वक्त पर सही इलाज मिलता तो उनके माता पिता शायद आज जिंदा होते |

दंपति की मौत के बाद उनके दोनों बेटों के कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल तो लिए गए लेकिन 6 दिन बाद भी इस टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई. इस कोरोना वॉरियर दंपति की मौत से सरकारी इंतजा़मों पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए है. स्कूलों में खाना बांटने की ड्यूटी के वक्त स्कूल टीचर को सुरक्षा किट क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई?

इसके अलावा सवाल उठता है कि इतने दिनों तक अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद कोरोना टेस्ट क्यों नहीं किया गया? कोरोना के लक्षण होने के बावजूद टेस्ट में लापरवाही क्यों हुई?  दंपति की मौत के बाद उनके बेटों की टेस्ट रिपोर्ट में देरी क्यों? खैर मलिक दंपति की मौत के बाद बागवान अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी डरे हुए हैं |

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