जिम्स में कोविड फाॅलो अप ओपीडी एवं पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन केन्द्र की शुरूआत

ABHISHEK SHARMA

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ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड फाॅलो अप ओपीडी एवं पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन केन्द्र की शुरूआत की गई है। जिम्स के निदेश ब्रिगेडियर डाॅ. राकेश गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में संस्थान न सिर्फ कोविड-19 मरीजों को उपचार एवं देखभाल सुविधा उपलब्ध करा रहा है बल्कि नोएडा के अन्य चिकित्सा संस्थानों को संक्रमण रोकथाम व उपचार नियमों के बारे में प्रशिक्षित भी कर रहा है।

इन्हीं अथक प्रयासों एवं निष्ठा की वजह से नोएडा में सबसे ज्यादा कोविड मरीज होने के बावजूद भी सबसे कम मृत्यु दर है। वर्तमान में जिम्स में 250 बैडेड कोविड अस्पताल बनाये जाने के साथ ही जिम्स में सैम्पल लेने, सैम्पलों की जाॅच व उपचार के साथ ही कोविड-19 प्रबंधन सम्बंधी सुविधा है। अभी तक संस्थान में 2000 से अधिक कोविड मरीजों को भर्ती किया जा चुका है।

 

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के उपचार पश्चात मरीजों में फेंफडे व श्वसन सम्बंधी परेशानी आम समस्या है जिसके लिए मरीज को परामर्श की आवश्यकता है। जैसा कि देश विदेश में हुई कई स्टडी व रिसर्च में भी सामने आया है। कोविड-19 एक नयी बीमारी है और इसका पूर्ण उपचार अभी तय किया जाना है। कोविड के सफल उपचार के बाद भी कई मरीजों ने हल्के बुखार, खाॅसी, कमजोरी आदि के साथ साथ साॅस लेने में परेशानी की शिकायत भी की है।

उन्होंने बताया कि यह सब कोविड-19 वायरस के उपचार के बाद के लक्षण हैं। मौसम, वातावरण में बदलाव व प्रदूषण भी इसका एक कारण हैं। अभी तक जिम्स ने सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज कोविड-19 मरीजों का एक व्हाटस एप गु्रप बना रखा था जिस पर मरीज उपचार के उपरान्त अपनी समस्या पोस्ट कर दिया करते थे तथा विशेषज्ञ डाक्टर्स उनकी समस्या का निवारण करते हैं, जिसमें टेली-कन्सल्टेशन भी है। लेकिन ऐसे मरीजों को शारीरिक रूप से देखने के बाद ही उनकी समस्या का सही समाधान किया जा सकता है।

ऐसे मरीजों को उचित सलाह व उपचार हेतु जिम्स प्रशासन ने अस्पताल में ‘‘कोविड फाॅलो अप ओपीडी एवं पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन केन्द्र‘‘ खोलने का निर्णय लिया है। यह केन्द्र सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक मरीजों को देखेगा। केन्द्र में परामर्श हेतु मरीजों को कोविड की निगेटिव रिपोर्ट व डिस्चार्ज कार्ड के साथ आना होगा।

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