12 हजार के इनामी बदमाश को एसटीएफ ने नरौरा से किया गिरफ्तार

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12 हजार के इनामी बदमाश को एसटीएफ ने शुक्रवार शाम बुलंदशहर के नरौरा से किया गिरफ्तार । अनिल दुजाना गैंग का शार्प शूटर कई दिनों से व्यापारी की रेकी कर रहा था। आरोपी ने अनिल दुजाना के इशारे पर 16 जून 2015 को साथियों के साथ मिलकर जुनपत में डबल मर्डर को अंजाम दिया था । आरोपी ने बुलंदशहर में भी कई मर्डर और लूट की घटनाओं को दे चूका है अंजाम । उस पर 9 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। एसटीएफ ने आरोपी से एक तमंचा और दो कारतूस बरामद किये है।12 हजार का इनामी बदमाश रिंकू उर्फ श्यामवीर अनिल दुजना गैंग का साथ मिलने के बाद ही बड़े बदमाशों में मिल गया। अनिल दुजना गैंग में शामिल होते ही कई वारदातो को अंजाम दिया जेसे – मर्डर ,लूट कि वारदातों को अंजाम दिया करता था । जुनपत मर्डर में पहली बार उसका नाम पीके सामने आया और एसटीएफ को उसकी पहचान कर गिरफ्तार करने में एक साल लग गयी । पश्चिमी यूपी एसटीएफ के सीओ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बुलंदशहर के खुर्जा निवासी रिंकू उर्फ श्यामवीर ने 11वीं में पढ़ने के दौरान अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। 2001 में उसने अपने साथी परमेंद्र और बबलू के साथ मिलकर स्कूटर लूट के साथ अपराध की शुरूआत की थी। इस दौरान उसे बुलंदशहर पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। और पीके का साथी परमेंद्र पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। यहीं पर रिंकू की मुलाकात बलराम ठाकुर से हुई। रिंकू बलराम ठाकुर के गैंग में शामिल हो गया और जेल से छूटने के बाद बलराम ठाकुर के साथ मिलकर 2006 में रबूपुरा एरिया में दूध व्यापारी से 6 लाख कि लूट की फिर गुड़गांव से सेंट्रो कार लूटी। इसके बाद अलीगढ़ के गवाना क्षेत्र से एक मारूति कार लूटी। कुछ दिन बाद रिंकू, दुष्यंत और बलराम ठाकुर को बुलंदशहर में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था । यहीं पर उसकी मुलाकात अनिल दुजाना से हुई।
रिंकू उर्फ श्यामवीर 2009 में जेल से छूटने के बाद कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चूका था। 2010 में रिंकू ने हरियाणा के मेवात में पेट्रोल पम्प से 10 लाख की लूट की। इसके बाद पलवल में व्यापारी की गोली मार कर हत्या कर दी और कैश लूट कर फरार हो गया। हापुड़ में एक व्यापारी से 15 लाख कैश लूटा और 20 मार्च 2010 गाजियाबाद के पिलखुआ के एक व्यापारी संजय त्यागी का अपहरण करके 20 लाख रुपये फिरौती ली। इसी दौरान उसने गाजियाबाद के कवि नगर स्थित पेट्रोल पम्प को लूटा और मेरठ के व्यापारी सत्यप्रकाश की रंगदारी न देने पर हत्या कर दी। ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे रिंकू को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। आखिरकार 6 जून 2010 को हापुड़ पुलिस को सफलता मिली और उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। फरवरी 2015 में जेल से छूटा था।

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