पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरमाई हाई कोर्ट बेंच स्थापना की मांग, अधिवक्ता – आम नागरिक सभी एकमत

ROHIT SHARMA

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(27/02/18) नोएडा:–

पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग  को लेकर एक बार फिर से  गहमी शुरू हो गयी है । दरसल  पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग कोई दशक-दो दशक पुरानी नहीं है। अब तो इस मांग के विरोध में  पश्चिमी उप्र के अधिवक्ताओं ने भी आंदोलन चलाया हुआ है ।

आपको बता दे की यूपी के हाईटेक जिला गौतम बुद्ध नगर के अधिवक्ताओं ने कुछ दिन पहले जिला कोर्ट के बाहर भी प्रदर्शन किया । साथ ही  पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर जेवर टोल प्लाजा पर भी विरोध किया गया था | वही दूसरी तरफ बात करे तो  उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 22 करोड़ है। जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है | वही दूसरी तरफ  महाराष्ट्र की जनसंख्या 12 करोड़ है। वहां पर पहले से ही मुम्बई में हाई कोर्ट तथा नागपुर और औरंगाबाद में हाई कोर्ट की बेंच स्थापित है। इसके बावजूद कोल्हापुर में केंद्र सरकार द्वारा हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की घोषणा कर दी गई है।

जबकि उप्र की आबादी करीब 22 करोड़ है। बता दे की हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार उसे सहमति के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजती है। जिस पर एक कोलेजन कमेटी अपनी रिपोर्ट लगाती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही होती है। इसके अलावा केंद्र सरकार चाहे तो वह इस संबंध में एडवोकेट जनरल की विधिक राय लेकर संसद में बिल भी पारित करा सकती है ताकि खंडपीठ का गठन किया जा सके | हाई कोर्ट की माँग को लेकर जहाँ एक तरफ माहौल गरमाया हुआ है तो लाज़मी है की नोएडा के निवासियों में भी इस विषय को लेकर अलग अलग मत हैं |

वही इस मामले में नोएडा के गणमान्य लोगों से टेन न्यूज़ की टीम ने राय ली | नोएडा के सेक्टर 34 में स्थित अरावली अपार्टमेंट के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा  ने  पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग होने को लेकर कहा की उत्तर प्रदेश में करीब 22 करोड़ की आबादी है | वही बात की जाए तो उत्तर प्रदेश का अहम हिस्सा  पश्चिम इलाका है , जहाँ गरीब , माध्यम वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में रहते है | जिनका भी कुछ न कुछ मामला हाई कोर्ट में चल रहा होता है , जिससे पीड़ितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है | जैसे की अपने केस के लिए यात्रा करना , साथ ही कुछ ऐसे लोग है जो सक्षम नहीं है उनको सही तरीके से न्याय नहीं मिल पाता है क्योकि वो पीड़ित अपने केस के लिए इलाहाबाद जाता है तो कई खर्चों का भी भार उसके ऊपर आ जाता है |

वही हाई कोर्ट के पास रहने के लिए होटल का ख़र्चा भी उठता है , अगर उस पीड़ित को यह पता चल जाए की आपके केस की तारीख बढ़ गयी है , आपको अपने केस के लिए फिर आना पड़ेगा | तो क्या पीड़ित के चहेरे पर ख़ुशी नज़र आएगी , उस पीड़ित के सारे पैसे आने – जाने में चले जाते है , जिससे पीड़ित काफी निराश हो जाता है | साथ ही उनका ये भी कहना है ये महत्वपूर्ण नही होना चाहिए कि आगरा ,मेरठ या नोएडा में इस बैंच की स्थापना हो | अभी केवल यह माँग होनी चाहिए कि पश्चिम उत्तर प्रदेश मे हाईकोर्ट बेंच की स्थापना जल्द से जल्द हो।

वही दूसरी तरफ इस मामले में नोएडा के सेक्टर 82 में स्थित उद्योग विहार के अध्यक्ष योगेश शर्मा का कहना है की अवश्य ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की माँग न्यायोचित है औऱ इसे पश्चिम उत्तर प्रदेश से  जनता द्वारा जनता के लिए चुने हुए जन प्रतिनिधि विधायक, सांसद एवं राज्य सरकार को गंभीरता से लेते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनमानस की मुख्य आवश्यकताओं में एक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना अतिशीघ्र करनी चाहिए।

वही दूसरी तरफ नोएडा के गणमान्य ए एस आर्या का कहना है की उत्तर प्रदेश के बड़े होने के कारण पश्चिम में ब्रांच बनना न्यायोचित है।पूर्व के वकील वह सांसद अपनी स्वार्थपूर्ण सिद्धि के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन आगरा के सांसदों की अपनी हट समझ में नहीं आ रही है। उन्हें भी दूसरों के साथ मिलकर पश्चिम में किसी भी स्थान की सहमति देनी चाहिए अन्यथा उनकी यह फूट उन सबको भारी पड़ सकती है।

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