गौतमबुद्धनगर : प्राधिकरण द्वारा लगाए जाने वाले ट्रांसफर चार्ज को लेकर फ्लैट खरीदारों का फूटा गुस्सा

Ten News Network

Galgotias Ad

Noida: नोएडा प्राधिकरण के फ्लैट ट्रांसफर चार्जेस पर परिचर्चा करने हेतु टेन न्यूज़ लाइव पर एडवोकेट नवीन दुबे (सामाजिक कार्यकर्ता), अमित गुप्ता (सामाजिक एवं नोएडा सचेतक) और मनीष (नेफोवा) शामिल हुए।

इस परिचर्चा मे नॉएडा अथॉरिटी सीईओ श्रीमती ऋतू माहेश्वरी को भी आमंत्रित किया गया था, उनसे यह भी विनती की गयी थी की वो चाहे तो अपने स्थान पर किसी और अधिकारी को प्रतिनियुक्त करे, परन्तु उनकी तरफ से कोई उत्तर नहीं मिल पाया|

परिचर्चा का प्रारंभ करते हुए नवीन दुबे ने समझाया की एक सामान्य व्यक्ति एक एक पाई जोड़ कर एक 2BHK या 3BHK फ्लैट खरीदता है, जिसके बाद अगर वह कोई दूसरा फ्लैट खरीदना चाहे या अपना फ्लैट किसी और को ट्रांसफर करना चाहे तो नोएडा प्राधिकरण उस पर मनमाना ट्रांसफर चार्ज लगा रहा है। प्राधिकरण स्क्वायर फीट के हिसाब से चार्ज ले रहा है। लेकिन अगर इस कार्य को करने में खर्च देखा जाए तो प्राधिकरण को मात्र 20 से 25 हजार रुपए लेने चाहिएं। क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा काम नहीं होता है, मात्र फाइल निकालकर नाम बदलना होता है।

उन्होंने कहा कि गंभीर बात तो यह है कि जनपद गौतम बुद्ध नगर में तीन प्राधिकरण आते हैं। पहला नोएडा प्राधिकरण दूसरा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और तीसरा यमुना प्राधिकरण।

यमुना प्राधिकरण ने जब ट्रांसफर चार्ज लेना प्रारंभ किया तो हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी और कहा कि आपका कोई औचित्य नहीं बनता है कि आप ट्रांसफर चार्ज लें। लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंदर 40 रुपये वर्ग फुट प्लस 18% जीएसटी फ्लैट ट्रांसफर में लग रहे है। अब प्रश्न उठता है कि एक ही जिले के अंदर फ्लैट ट्रांसफर के लिए तीन अलग-अलग चार्ज क्यों है, कैसे हैं? और सामान्य वर्ग परिवारों का शोषण क्यों हो रहा है?

और इन सवालों को मैं रोजाना ट्वीट के माध्यम से पूछ रहा हूं हमारे स्थानीय सांसद महेश शर्मा से स्थानीय विधायक से प्राधिकरण सीईओ से माननीय मुख्यमंत्री से और माननीय प्रधानमंत्री से मुझे वह बस इतना बता दें की ऐसी व्यवस्था क्यों है और अगर वह इसका जवाब नहीं दे सकते हैं, तो इस व्यवस्था को खत्म करें ऐसी मेरी मांग है।

नवीन दुबे ने आगे एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक सामान्य वर्ग का पिता मान लीजिए एक फ्लैट में रहता है और उसने एक फ्लैट खरीद लिया कि जब बेटी की शादी करनी होगी तो मैं यह फ्लैट बेच दूंगा। समय बीता और अट्ठारह उन्नीस साल में फ्लैट की कीमत मान लीजिए 20 लाख रुपए बढ़ गई लेकिन वो पिता फिर भी असहाय है अपनी बेटी की शादी करने में क्यों क्योंकि बढ़े हुए फ्लैट रेट का 60% तो प्राधिकरण ही खा जाएगा।

परिचर्चा आगे बढ़ी तो अमित गुप्ता ने कहा कि मेरे एक जानकार हैं, जो गौतम बुद्ध नगर में ही रहते हैं। उन्होंने आज फ्लैट ट्रांसफर किया है और आप लोगों को हैरानी होगी कि उनका फ्लैट ट्रांसफर चार्ज 9 लाख 42 हजार था।


अमित गुप्ता ने प्राधिकरण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपको बिल्डर से 25 हजार करोड रुपए लेने हैं लेकिन आप उसको नहीं ले पाते हैं, आप हम सामान्य वर्ग वालों का ही शोषण करते हैं। अमित गुप्ता ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि एक भी बिल्डर ऐसा नहीं है जिससे नोएडा प्राधिकरण ने बकाया पैसे प्राप्त कर लिए हों।

परिचर्चा में प्रस्तुतकर्ता मनीष जो कि नेफोवा से हैं, उन्होंने सबका ध्यान ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ केंद्रित करते हुए कहा कि, ग्रेटर नोएडा में बहुत सारे फ्लैटों की और सोसाइटीज की रजिस्ट्री रुकी हुई है। यहां पर जब बिल्डर घर देता है तो कहता है आप रजिस्ट्री टू सब लीस करा लो हम रजिस्ट्री अभी नहीं करा पाएंगे।

जिस पर नवीन दुबे बोले कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दोनों ही प्राधिकरणों ने बहुत कायदे से बिल्डरों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में योजनाएं पहले आई और नक्शे बाद में तैयार हुए। यही कारण था कि एक फ्लैट के लिए तीन अलग-अलग बिल्डरों के पास पैसे आए। ऐसी स्थिति में जिसने सबसे ज्यादा पैसे दिए उसे तो फ्लैट मिल गया और जिसके थोड़े कम थे, उसके पैसे की या तो बिल्डरों ने ओवरट्रेडिंग कर दी या 15% काट कर वापस कर दिया और या पैसा लेकर भाग गए। बिल्डरों ने जो ओवरट्रेडिंग कि उसमें प्राधिकरण ने पूरा समर्थन किया बिल्डरों का जिसके चलते आम जनता का शोषण बिल्डरों द्वारा होता रहा। इन बिल्डरों ने 24_24% ब्याज आम जनता से वसूला है।

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में प्राधिकरण रजिस्ट्री नहीं कर रहा है और प्राधिकरण कहता है कि बिल्डर पर हमारे पैसे बकाया है लेकिन मैं प्राधिकरण से प्रश्न करना चाहता हूं कि आपके पैसे बिल्डर ने खाए हैं तो उसका खामियाजा फ्लैट खरीदने वाला सामान्य वर्ग का व्यक्ति क्यों झेले?

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जब बसाया गया था, तब परिकल्पना की गई थी कि यह औद्योगिक शहर बनेगा। इसको औद्योगिक शहर माना गयाष लेकिन आज नोएडा उद्योग के नाम पर शून्य हो चुका है आज यहां पर सिर्फ़ बिल्डर बचे हैं और बिल्डरों का भ्रष्टाचार बचा है , प्राधिकरण की मुनाफाखोरी बची है।

https://www.facebook.com/499234480174431/posts/3829384717159374/?d=n

Leave A Reply

Your email address will not be published.