जीपीआर मशीन का प्रयोग करने वाला एनसीआर का पहला शहर बना ग्रेटर नोएडा, जानें खासियत
ABHISHEK SHARMA
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, जिससे कि ग्रेटर नोएडा शहर को आगामी 2 से 3 वर्षों में पूरी तरह से स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा सके।
स्मार्ट सिटी की ओर कदम बढ़ाते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिससे कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को स्मार्ट सिटी के रूप में परिवर्तित करने की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सके।
इसी कडी में ग्रेटर नोएडा जीपीआर मशीन का प्रयोग करने वाला एनसीआर का पहला शहर बन गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सीवर एवं जल का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए आईआईटी रुड़की को सलाहकार के रूप में अनुबंधित किया है। वर्तमान समय में सभी सीवर लाइनों एवं वाटर लाइन का मैपिंग आईडी द्वारा किया जा रहा है।
आईआईटी रुड़की द्वारा एक आधुनिक जीपीआर मशीन का प्रयोग ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में आरंभ कर दिया गया है। यह जीपीआर मशीन 9 से 10 मीटर तक जमीन के अंदर का फोटोग्राफ प्राप्त कर लेती है। जिसके लिए सड़कों को खोदना नहीं पड़ता है इस मशीन को आईआईटी रुड़की द्वारा यूएसए से 32 लाख रुपए में मंगाया गया है।
आपको बता दें कि इस मशीन के लिए प्राधिकरण द्वारा कोई भी धनराशि खर्च नहीं की गई है। जीपीआर मशीन की सहायता से भूमि के अंदर निर्धारित कार्य अंडर ग्राउंड फॉल्ट का तत्काल पता लग जाएगा। जिससे मेहनत, समय तथा धन की बचत के साथ-साथ क्षेत्र के निवासियों को असुविधा से भी बचाया जा सकता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मीडिया अधिकारी नीरज जौहर ने बताया कि जीपीआर मशीन के माध्यम से भूमि के अंदर सीवर लाइन, वाटर लाइन, इलेक्ट्रिकल केबल तथा अन्य कोई भी सर्विसेज का पता लगाया जा सकता है। इस क्रम में 18 सितंबर को ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टर अल्फा एवं डेल्टा में इस मशीन का प्रयोग करते हुए प्रत्येक मैनहोल तथा वाटर पाइप लाइन की गहराई दाया लोकेशन आदि का डाटा तैयार किया गया।
वर्तमान में इस मशीन का प्रयोग कर ग्रेटर नोएडा की विभिन्न सर्विस की जानकारी प्राप्त कर आने वाली समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा पहला ऐसा शहर है, जिसने एनसीआर क्षेत्र में जीपीआर मशीन का प्रयोग आरंभ कर दिया गया है।