एन. आई. ई. टी. संस्थान में वैज्ञानिक और बी. एम. एल. मुंजाल विश्वविद्यालय के सहउपकुलपति डॉ बी. एस. सत्यनारायण का “आउटकम बेस्ड एजुकेशन” पर व्याख्यान आयोजित

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LOKESH GOSWANI

आज ग्रेटर नॉएडा नॉलेज पार्क स्थित एन. आई. ई. टी. संस्थान में  महान विचारक, वैज्ञानिक और बी. एम. एल. मुंजाल विश्वविद्यालय के सहउपकुलपति डॉ बी. एस. सत्यनारायण का “आउटकम बेस्ड एजुकेशन” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया | जिसमें 300 से अधिक अध्यापकों ने भाग लिया | डॉ सत्यनारायण ने बताया कि तकनीकी शिक्षा में शिक्षक छात्रों कि लिए आइकन हैं इसलिए शिक्षकों का अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ होना अति आवश्यक है | विश्व के बदलते परिवेश में भारत सबसे बड़ा युवा देश है जहाँ युवा बौद्धिक रूप से समृद्ध और परिश्रमी हैं इसलिए अपार संभावनाएं हैं | आवश्यकता केवल मौलिक सोच और आत्मविश्वास की है | हम भारतीय हमेशा यही कहते हैं कि यह आईडिया तो मैंने भी सोचा था पर मैंने अमल करने में देर कर दी | जरूरी है कि हम संख्याबल, परिमाण और दूरदर्शिता पर ध्यान दें | साथ ही प्लानिंग, प्राथमिकता, गति, और कार्यविधि पर स्पष्ट सोच पैदा करें | अध्यापक छात्रों को दिशा देने के लिए जानकारी, अनुसन्धान, व्यक्तिगत प्रभाव, प्रेरित करना और कार्यान्वयन पर विशेष रूप से ध्यान दें | एक अच्छे अध्यापक के लिए यह जरूरी है कि वह जटिल विचारों को सरल शब्दों में प्रकट करे और छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करे कि उन्हें इंडस्ट्री में बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए तकनीकी का प्रयोग करना है, इसलिए वे तकनीकी का वैसे ही आनंद लें जैसे एक संगीतकार अपने संगीत का आनंद लेता है | हमें हर तरफ ऐसा पारिस्थितिक तंत्र पैदा करना होगा जिसमें नेतृत्व क्षमता एक स्वाभाविक गुण हो तभी हमारे छात्र छात्राएं विश्व में पथप्रदर्शक बन सकेंगे |

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