सिक्योरिटी गार्ड ने कुत्ते की टांग तोड़ी मामला थाने तक पहुंचा

Saurabh Shrivastava Tennews

ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित स्टेलर जीवन सोसाइटी में हुई 12 अप्रैल 2016 की घटना है. पीड़िता इसी सोसाइटी में रहती है.
12 अप्रैल को सोसाइटी की सुरक्षा में लगे प्रोमैन सिक्योरिटी के गार्ड ने एक छह-सात महीने के कुत्ते के पिल्ले को लाठियों से सिर्फ इसलिए बेरहमी से मारा क्योंकि वो मेन गेट के अंदर घुस आया था पिल्ले की चीखें सुनकर जब सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया तब जाकर राहुल सिंह ने उसे पीटना बंद किया गार्ड की बेरहमी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने बेचारे पिल्ले की पैर की हड्डी
तक तोड़ डाली. सोसाइटी के मुख्य द्वार पर हुई यह घटना सीसीटीवी में भी कैद हुई. गार्ड के साथी किसी भी
गार्ड ने उसका विरोध इसलिए नहीं किया क्योंकि वह उनसे वरिष्ठ और रात में सुरक्षा का प्रमुख है. जब गार्ड से पीड़िता ने उसकी पुलिस रिपोर्ट कराने की बात कही तो उसने जवाब दिया कि जो चाहो कर लो, कोई  चिंता नहीं. एक जानवर के साथ जानवरों वाली हरकत करने वाले गार्ड को अपनी गलती का कोई पश्चाताप नहीं था.  जबकि वो पिल्ला दर्द से कराह रहा था. चूंकि यह कृत्य आईपीसी की धारा 428, 429 और प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट की धारा 11 के अंतर्गत  अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए पीड़िता ने पुलिस में शिकायत भी की. इतना ही नहीं पीड़िता पिल्ले को इलाज के लिए नोएडा के एक जानवरों के अस्पताल भी ले गई लेकिन डॉक्टर ने कहा कि
अब वह पिल्ला कभी चल नहीं पाएगा. पिल्ले को सर्जरी की जरूरत है क्योंकि उसकी हड्डी टूट कर चूर हो गई है जिसे प्लास्टर
के जरिये नहीं जोड़ा जा सकता. उसे दर्द निवारक दवाएं देने के साथ ही सलाह दी गई कि इस पर नजर रखें कि कहीं अंदरूनी
रक्तस्राव न हो. इतना ही नहीं बिसरख पुलिस में शिकायत किए जाने के बावजूद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि स्टेलर सोसाइटी  के फैसिलिटी मैनेजर कृष्णा सारस्वत का भी सुरक्षा गार्ड के प्रति नजरिया सकारात्मक ही था. वहीं, प्रोमैन सिक्योरिटी के एक अन्य गार्ड ने भी पीड़िता को धमकाते हुए बाहर जान से मारने की धमकी दी.  जबकि वह गार्ड आते-जाते वक्त पीड़िता पर तंज कसने के साथ ही परेशान करता रहा है. पीड़िता ने इस संबंध में सरकारी संस्था एसपीसीए (सोसाइटी फॉर प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी अगेंस्ट एनिमल्स) नोएडा,
उत्तर प्रदेश डीजीपी, बिसरख पुलिस से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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