जेवर ऐयरपोर्ट विशेष: जानें राजनाथ सिंह के सपने पर कैसे प्रफुल्ल पटेल ने लगाई थी रोक

आशीष केडिया

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बात वर्ष 2001 की है। तब राजनाथ सिंह सूबे के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने परिकल्पना की एक ताज इंटरनेशनल एवं एविएशन हब की। इस सपने को जेवर के समीप आकार लेना था। वर्ष 2003 में प्रोजेक्ट की टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बन कर तैयार हो गई और उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र सरकार ने पास भी कर दिया। तय हुआ की वर्ष 2007-2008 तक यह प्रोजेक्ट 5000 करोड़ की लागत से पूरा होगा।

पर जल्द ही चुनावी वर्ष आ गया। शाइनिंग इंडिया के शिगूफे पे सवार भाजपा सरकार मतदाताओं को लुभाने में असफल रही। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की जगह मनमोहन सिंह ने ले ली। प्रफुल्ल पटेल को एविएशन मंत्री बनाया गए। उनके कार्यकाल के दौरान जेवर में बनने वाले एविएशन हब पर यह कह कर रोक लगा दी गई कि वो दिल्ली में पहले से मौजूद एयरपोर्ट से 150 किलोमीटर के दायरे में आता था। मौजूदा नियम के अनुसार भारत में दो ऐयरपोर्टस के बीच की मिनिमम दूरी 150 किलोमीटर होना अनिवार्य था।

वक़्त का पहिया एक बार फ़िर घुमा। 2017 में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा ने अनेको वर्षोँ बाद वापसी करी। केंद्र में भी भाजपा सरकार मौजूद थी और साथ ही गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा के पास स्वतंत प्रभार में एवीएसन मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी भी थी।

योगी, मोदी और शर्मा जी के प्रयासों से प्रदेश के कद्दावर नेता और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अधुरा सपना कल पूरा होने जा रहा है।

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