टेन न्यूज़ विशेष: जेवर के जरिये सियासी उड़ान की आशा, जानें क्या है भाजपा का हवाई गणित

आशीष केडिया

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यूँ तो जेवर स्थित नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से पहली उड़ान में अभी कई वर्षों का वक्त है पर कल प्रधानमंत्री नरेंद मोदी द्वारा शिलान्यास होते ही इस भूमि से भारतीय जनता पार्टी की सियासी महत्वकांक्षा उड़ान भरने लगेगी। उम्मीद रहेगी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेकों जिलों जैसे कि गाजियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, मेरठ, बरेली, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, हाथरस और अलीगढ़ की सियासत को साधने की कोशिश होगी।

किसान बिल वापसी की घोषणा के बाद ये प्रधानमंत्री मोदी का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। आशा की जा रही है कि प्रधानमंत्री इस मंच से किसानों को भाजपा के पाले में वापिस लाने के अभियान कि शुरुआत कर सकते हैं।

अगर किसानों में नाराज़गी बनी रही तो भाजपा को प्रदेश में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। बीजेपी ने 2017 में पश्चिम यूपी की 110 में से 88 सीटें जीती थीं. जबकि 2012 के चुनाव में 38 सीटें ही मिली थीं. 2022 चुनावों में भाजपा यहां पर कम से कम 80 से 90 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखेगी जो अभी के माहौल के अनुसार काफ़ी मुश्किल लगता है।

साथ ही किसानों की नाराजगी झेल रही भाजपा को गुर्जर सुमदाय के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। गुर्जर समुदाय दादरी में राजा मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के बाद से ही बीजेपी से नाराज है। दरअसल उनकी आपत्ति प्रतिमा से गुर्जर शब्द हटाए जाने पर थी। बीजेपी ने गुर्जरों की नाराजगी दूर करने के लिए हाल ही में इस क्षेत्र के कद्दावर नेता और एक वक्त मुलायम सिंह करीबी रहे नरेंद्र भाटी को बीजेपी में शामिल कराया है।

ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी जिस भी जगह जाते हैं वो वहाँ से जुड़ी महान विभूतियों का जिक्र अवश्य करतें है। अतएव कल सबकी नजर मोदी द्वारा सम्राट मिहिर भोज के जिक्र पर रहेगी और प्रधामनंत्री उन्हों किस प्रकार संबोधित करते हैं उससे नोएडा के आसपास कि अनेकों विधानसभा सीटों का अंकगणित तय हो सकता है।

साथ बी देखना दिलचस्प होगा कि कल मँच पर किस-किस को जगह दी जाती है क्योंकि इस आधार पर विधानसभा संबंधी कयासों को हवा मिलेगी।

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