महाभारतकालीन द्रोणनगरी से हो उत्तर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्रों का विकास

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GREATER NOIDA TENNEWS REPORTER LOKESH GOSWAMI  

उपरोक्त शब्द जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने आज दिनांक 23 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री श्रीमति रीता बहुगुणा जोशी से उनके राजभवन स्थित काॅलोनी आवास पर कहे। धीरेन्द्र सिंह ने मंत्री साहिबा को अवगत कराया कि ’’दिनांक 21 अप्रैल 2017 को वह स्वंय मा0 मुख्यमंत्री जी के समक्ष भी इस प्रकरण को रख चुके हैं।’’
         हस्तिनापुर, इन्द्रप्रस्थ, कुरूक्षेत्र और मथुरा के मध्य में स्थित महाभारतकालीन द्रोणनगरी दनकौर, जहां गुरू द्रोणाचार्य ने पांडवों को शिक्षा और दीक्षा दी, अपनी भौगोलिक स्थिति के चलते एक बेहतरीन पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित की जा सकती है।
जैसा कि भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र 2017 में रोजगारों के सृजन की बात कही गयी है, तो यह सभी जानते हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगारों का सृजन कई गुना तक बढ सकता है। यमुना एक्सप्रेस-वे, इस्टर्न पैरीफैरियल व डेडीकेटिडफ्रेट काॅरीडोर से जुडा होने के कारण दिल्ली में आने वाले विदेशी पर्यटकों को द्रोणनगरी के रास्ते मथुरा, आगरा व हस्तिनापुर आदि जगहों पर ले जाकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ हजारों रोजगारों का सृजन करने की दिशा में यह योजना उत्तर प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
जैसा कि विदित ही है कि जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह विगत कई वर्षों से जनपद गौतमबुद्धनगर के दनकौर व आस-पास के क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित किये जाने के रूप में संघर्ष करते रहे। इस सम्बन्ध में तत्कालीन पर्यटन मंत्री, भारत सरकार, के समक्ष भी यह मुददा उठाया गया था, जिसकी छायाप्रति सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न की जा रही है।
संलग्नकः-1. 21 अप्रैल 2017 को मा0 मुख्यमंत्री जी को महाभारतकालीन द्रोणनगरी के सम्बन्ध में दिये गये पत्र की छायाप्रति।2. 23 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री श्रीमति रीता बहुगुणा जोशी को दिये गये पत्र की छायाप्रति।
3. 14 जून 2013 को तत्कालीन पर्यटन मंत्री, भारत सरकार को दिये गये पत्र की छायाप्रति।
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