केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सोशल मीडिया में जजों पर की जा रही “अरूचिकर टिप्पणी” पर जताई चिंता

Ten News Network

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ग्रेटर नोएडा शारदा यूनीवर्सिटी में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा आयोजित विधिक सेवा समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सोशल मीडिया पर जजों के खिलाफ की जा रही “अरूचिकर टिप्पणी” पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत से लोग जजों के जीवन और उनकी द्वारा की गई कड़ी मेहनत को नहीं समझते है। बिना सोचे समझे उनके बारे में कुछ भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं जो बिल्कुल भी सही नहीं है।

किरण रिजिजू ने कहा कि न्यायाधीश की कुछ जिम्मेदारी होती है और वह सामान्य लोगों की तरह सार्वजनिक जीवन में खुल नहीं सकते है, उनकी अपनी सीमाएं होती है। जजों के लिए कोर्ट रूम में प्रदर्शन करना और फिर बाहर आना और कानूनी सहायता प्रदान करने जैसी सेवाओं के लिए समय देना आसान नहीं होता है । और लोगो को यह बात समझनी चाहिए कि जजों की कुछ सुनिश्चित सीमाएं है वो उसके बाहर नहीं जा सकते हैं इसलिए लोगों को बिना सोचे समझे जजों की सोशल मीडिया पर आलोचना नहीं करनी चाहिए।

किरेन रिजिजू ने साथ में यह भी कहा कि एक आम इंसान के लिए न्याय पाना आसान नहीं है, आज भी किसी ग्रामीण को कोर्ट जाने को कहो तो वह डरता है उनको लगता है कि कोर्ट का फैसला आने तक उसको अपनी संपत्ति बेचनी ना पड़ जाए। और इसलिए आज भी निचली अदालतों में चार करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित है। यही वजह है कि सरकार अधीनस्थ न्यायापालिका के लिए आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है।

 

Photo Highlights | National Legal Services Authority | Legal Services Day at Sharda University

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