लॉयड लॉ कॉलेज में प्रथम एन आर माधव मेनन सार्क मूट प्रतियोगिता का आयोजन
GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI
लॉयड लॉ कॉलेज में प्रथम एन आर माधव मेनन सार्क मूट प्रतियोगिता के सार्क (अंतरास्ट्रीय) राउंड का उद्घाटन मुख्य अतिथी विख्यात न्यायाधीश (चैयरमेन कावेरी वाटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल) बी एस चौहान ने किया. इस कार्यक्रम का आयोजन लॉयड लॉ कॉलेज एवं MILAT -मेनन इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीगल एडवोकेसी एंड ट्रेनिंग की सहायता से किया गया.उन्होंने प्रो .मेनन को बधाई दी भारत में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एल एल बी कोर्स की शुरुआत के लिए और वहां उपस्तिथ विधिक छात्रों को उत्साहित किया.उन्होंने कहा की “जीवन में उतार चढाव हमे जिन्दा रखने के लिए आवश्यक होते हैं “उन्होंने कानूनी शिक्षा के विकास और वकालत कौशल को बढ़ाने के लिए शोध और विश्लेषण पर जोर दिया .उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा की विचारों का आदान प्रदान और आपसी सहयोग के लिए कोई भौगोलिक सीमा बाधा नहीं होती . .पद्मश्री प्रो एन आर माधव मेनन जो की कार्यक्रम के सम्मानीय अतिथि थे , जिन्होंने विधिक शिक्षा के स्तर को ऊँचा करने पर जोर डाला ,उन्होंने कहा की विधिक शिक्षा का विकास शिक्षाविदों की सहायता से ही संभव है .प्रो मेनन ने अब के विधिक छात्रों को पहले के छात्रों से अलग करते हुए कहा की अब के छात्र बौद्धिक कार्यो को लेकर अधिक उत्साहित एवं अधिक मेहनती हैं .छात्र बहुत मेहनत करते हैं,शोध करते हैं और फिर लेखन करते हैं . उन्होंने छात्रों को अधिक मेहनत पर जोर देने को कहा.उन्होंने कहा की विधिक शिक्षा का विकास साउथ ईस्ट एशियन देशो के वार्तालाप,और मिलकर काम करने से ही संभव है . सभी सार्क देशों से सर्वश्रेष्ठ लॉ स्कूल की 15 टीमों ने इस प्रतियोगिता के सार्क राउंड में हिस्सा लिया है .प्रतियोगिता तीन दिन चलेगी. तीसरे दिन लॉ कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा. मूट कोर्ट की थीम सामाजिक न्याय, बहुचर्चित विषय -अंतरास्ट्रीय मानविकी न्याय के विभिन्न पहलुओं से सम्बंधित विषय ,शरणार्थी समस्या, विस्थापन ,मानवाधिकार , पर है .सार्क देशों की सभी टीमों ने साथ मिलकर एकता और सद्भावना पर आधारित गीत गाया एवं दीप प्रज्ज्वलित किया .प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवा वकीलों को अपना भविष्य उभरने को प्रोत्साहन देना है. प्रो शिव कुमार द्वारा नॉएडा में माधव मेनन विश्वविद्यालय बनाने की घोसणा की गई .उद्घाटन समारोह में कई विधि विष्वविद्यालयों के वाईस चांसलर एवं प्रतिष्ठित कानूनी दिग्गज शामिल थे .राष्ट्रीय प्रशासकों के साथ सार्क देशों अर्थात पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान और मालदीव के दूतावासों से आये प्रशाशक एवं आब्जर्वर मौजूद थे।