नोएडा : दो दोस्तों की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में आया नया मोड़ , साजिश का आरोप
ROHIT SHARMA
पिछले साल 27 दिसंबर को ग्रेनो वेस्ट स्थित सुपरटेक की ऑक्सफोर्ड स्क्वॉयर सोसायटी में रहने वाले दो दोस्तों की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है।
आपको बता दे कि पुलिस ने दोनों की मौत सड़क हादसे में होने का दावा किया था , लेकिन परिजन का आरोप है कि दोनों युवकों की हत्या कर हादसा दिखाने की साजिश रची गई थी।
परिजनों ने घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस से मामले में कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर अब परिजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मूलरूप से रामपुर निवासी मोतीराम ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उनका इकलौता बेटा सहदेव (27) अपने दोस्त अपूर्व के साथ ऑक्सफोर्ड स्क्वॉयर सोसायटी में रहता था और कॉल सेंटर चलाता था।
27 दिसंबर 2019 की सुबह लगभग 10 बजे सहदेव के बहनोई मनोज कुमार कॉल कर पुलिस ने सड़क हादसे की सूचना दी। मनोज सेक्टर 62 में रहते हैं। पुलिस ने कहा था कि सहदेव और अपूर्व हादसे में घायल हो गए हैं लेकिन जब मनोज रास्ते में थे तब पुलिस ने कहा कि वह आराम से आ जाएं, दोनों की मौत हो चुकी है। हालांकि अपूर्व की मौत बाद में सफदरजंग अस्पताल में हुई।
पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी थी कि दोनों युवक बुलेट से जा रहे थे। चार मूर्ति गोलचक्कर के पास उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में दोनों की मौत हो गई। उस दौरान परिजनों ने पुलिस की बात मान ली और शव का अंतिम संस्कार कर लिया। सहदेव और अपूर्व माता-पिता के इकलौते बेटे थे। इसके चलते उनका परिवार सदमे में है और साजिश की बू आने पर न्याय की मांग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिर पर गंभीर चोट लगने से मौत हुई थी।
मनोज कुमार ने बताया कि 5-6 जनवरी को उन्होंने चार मूर्ति गोलचक्कर पर पुलिस की मदद से सीसीटीवी फुटेज चेक किया। पुलिस ने उन्हें डिवाइडर पर एक निशान दिखाते हुए वहां बाइक टकराने की बात कही लेकिन फुटेज में सहदेव और अपूर्व बाइक पर आते जाते हुए नहीं दिखाई दिए। इसका पुलिस ठोस जवाब नहीं दे पाई लेकिन परिजनों को दोनों दोस्तों की मौत के पीछे साजिश की बू आने लगी।
मनोज ने बताया कि सहदेव का मोबाइल लॉक था और पासवर्ड पता नहीं हो पाने के कारण उस दौरान वह मोबाइल चेक नहीं कर पाए। लेकिन करीब 15 जनवरी को पासवर्ड डालकर प्रयास करते हुए अचानक लॉक खुल गया। तब उन्होंने देखा कि घटना का जो समय हादसे का बताया गया था, उसके बाद सहदेव के मोबाइल पर दो-तीन बार उसके साथ रहने वाले एक युवक की कॉल रिसीव हुई है।
परिजन ने उस युवक से संपर्क किया तो उसने कॉल करने से साफ इंकार कर दिया और अपने साथी पर कॉल करने की आशंका जताई लेकिन उसने भी कॉल करने से इंकार कर दिया।
इसके बाद परिजन ने हत्या की साजिश का आरोप लगा बिसरख कोतवाली में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो परिजन ने पुलिस ऑफिस में डीसीपी हरीश चंदर को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। कार्रवाई न होने पर अब परिजन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इस मामले में डीसीपी सेंट्रल हरीश चंद्र का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि के आधार पर जांच करा ली जाएगी। अगर, सड़क हादसे में मौत की पुष्टि नहीं होती है, तो कार्रवाई की जाएगी।