बढ़ते प्रदुषण को देख एनजीटी का सख्त रवैया, गौतमबुद्धनगर में नोडल अफसर किए तैनात

ABHISHEK SHARMA

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Greater Noida : ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सरकारी तंत्र की सुस्ती को देख नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सख्त कदम उठाए हैं। एनजीटी के निर्देश पर सीएम योगी ने ग्राम पंचायत स्तर पर राजकीय कर्मचारी को नोडल अधिकारी नामित करने का आदेश दिया है।

ये अफसर जिले के सभी 88 गांवों में घूमकर जलती पराली बुझाएंगे और जो जिम्मेदार है उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखेंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, जेवर, बिसरख, रबूपुरा, दनकौर आदि क्षेत्रों समेत अधिकांश उत्तर भारत को स्मॉग ने अपनी चपेट में ले रखा है। स्मॉग से निपटने को तमाम कवायदें की जा रही हैं। लेकिन वह अभी नाकाफी ही दिख रही हैं।
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव ने निर्देश जारी कर कहा कि कृषकों को फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के बारे में बताया जाए। नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी यह होगी कि फसल अवशेष न जलने देने के लिए सभी कदम उठाएं।
अगर कोई कृषक पराली जलाता मिलता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। नोडल अधिकारी इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अफसरों को भेजेंगे। पराली जलती मिली तो संबंधित कर्मचारी की जिम्मेदारी तय कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीएम की अध्यक्षता में भी शासन के निर्देश पर एक समिति गठित की गई थी। इसमें स्पष्ट लिखा था कि अगर किसी भी क्षेत्र में पराली जलती मिली तो वहां के लेखपाल की जिम्मेदारी होगी। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हालांकि नये आदेशों में लेखपालों का उल्लेख नहीं किया है।
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