सोसाइटीज और सेक्टरों में बीजेपी के वोट बैंक में क्या लग रही है सेंध? जाने कैसा है नोएडा का चुनावी चक्रव्यूह

टेन न्यूज़ नेटवर्क

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NOIDA (24/01/2022): जनता पाँच साल में एक बार अपना विधायक चुनती है और कई बार विभिन्न कसौटियों पर कुछ जनप्रतिनिधि जनता को रास नहीं आते। यूँ तो नोएडा का शहरी इलाका पिछले कुछ सालों से पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है पर इस बार कमल खिलने की राह इतनी आसान भी नही लग रही।

तमाम सोसाइटीज और सेक्टरों के लोगों से बात करने पर माहौल भाजपा के खिलाफ नजर आता है ।

कई लोगों का कहना है कि ऐसा विधायक नही चाहिए जिसका नंबर तक जनता के पास न हो ।

ज्ञातव्य हो कि सोसाइटीज और सेक्टरों का वोट भाजपा का वोट माना जाता है और खासकर नोएडा में गढ़वाली समाज का वोट भाजपा के पक्ष में जाता है ।

अब ये स्थिति बैसी नहीं है जैसी पहले थी अब लगभग सोसाइटीज में 2 धड़े हैं एक वर्ग भाजपा के साथ है तो दूसरा वर्ग समाजवादी पार्टी के साथ है।

सेक्टर 11 धवालगिरी सोसाइटी से लेकर 7X सोसाइटीज तक माहौल लगभग यही है ।

उधर ग्रामीण इलाकों, कच्ची कॉलोनी, झुग्गियों का वोट समाजवादी पार्टी का मजबूत वोट बैंक रहा है पर भाजपा भी यहाँ सेंध लगाने में कामयाब हुई है।

अब ब्राह्मण फैक्टर को लें तो बसपा से कृपा राम शर्मा भी किसी हद तक ब्राह्मण वोट को अपने पक्ष में लेने में सफल होंगे जिससे वह ब्राह्मण वोट जो भाजपा का वोट माना जाता है योगी से नाराजगी के कारण बसपा को जाता दिख रहा है ।

कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक के उतरने से मुकाबला और रोचक हो गया है कांग्रेस का कोई बड़ा वोट बैंक नोएडा में पहले से रहा नहीं है लेकिन सोसाइटीज और सेक्टरों से जो भी वोट पंखुड़ी पाठक को मिलेगा वह भी भाजपा की झोली से ही जायेगा साथ ही कुछ महिला वोट भी पंखुड़ी को मिल सकता है ।

कुल मिलाकर भाजपा प्रत्यासी पंकज सिंह से नाराजगी के कारण भाजपा का वोट बिखर रहा है ।

दूसरी ओर युवा रोजगार को लेकर भाजपा से नाराज है ,फ्लैट ओनर्स रजिस्ट्री को लेकर पहले ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं ऐसे में बयार भाजपा के विरुद्ध जा सकती है ।

इस बार कड़ाके की सर्दी और कोरोना के बढ़ते मामले भी वोट प्रतिशत को प्रभावित करेंगे जिससे वोट लगभग 40 से 45% ही होने की संभावना है इसलिए इस कड़े मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है।

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