नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने अधिकारियों को कॉल सेंटर व मोबाइल एप लॉन्च करने के लिए 30 अगस्त का समय किया निर्धारित
Abhisehk Sharma
Noida (19/07/19) : नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने आज प्राधिकरण के सिविल एवं विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की। जिसमें प्राधिकरण द्वारा निर्माण की जा रही विभिन्न परियोजनाओं में आ रही समस्याओं को सुना तथा अंतर विभागीय सामंजस्य स्थापित न होने पर सिविल एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों पर असंतोष व्यक्त किया।
नोएडा क्षेत्र में हो रही है व्यवस्थित कार पार्किंग के दृष्टिगत मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा कार पार्किंग संबंधित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के उद्देश्य से सिविल एवं विद्युत के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि सेक्टर 5 एवं सेक्टर 38 बहुमंजिला कार पार्किंग के कार्य को 31 अगस्त तक तथा सेक्टर 13 एवं सेक्टर 16ए दो मंजिला कार पार्किंग को 30 नवंबर 2019 तक पूरा कर लिया जाए। निर्धारित समय अवधि में परियोजना का कार्य पूरा न होने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निर्माणाधीन जिला चिकित्सालय भवन सेक्टर 39 में धीमी कार्य प्रगति को देखते हुए सिविल एवं विद्युत के अधिकारियों को सचेत किया गया तथा निर्देश दिए कि कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को भी आगामी होने वाली बैठक में उपस्थित होने के लिए सूचित किया जाए तथा परियोजना में होने वाले विलंब के लिए इन पर आर्थिक दंड आरोपित किया जाए।
उन्होंने बैठक में आगे अधिकारियों को निर्देशित किया कि नोएडा शहर के अंदर पारंपरिक प्रकाश बिंदुओं को एलईडी लाइट में बदलने के लिए निविदा में शेष बची 10,000 एलईडी 10 अगस्त तक बदल दी जाए तथा अब तक लगा दी गई 64 हजार एलईडी लाइट का समय अनुरक्षण कराना सुनिश्चित किया जाए। मैसर्स टाटा पावर लिमिटेड द्वारा स्थापित कॉल सेंटर को प्राधिकरण के कॉल सेंटर के साथ एकीकृत करने के लिए तथा मोबाइल एप लॉन्च करने के लिए 31 जुलाई की अंतिम समय सीमा निर्धारित की गई।
इससे नोएडा वासियों को अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग कॉल सेंटरों पर फोन नहीं करना पड़ेगा। शहर के मुख्य मार्ग पर स्थित पथ प्रकाश फूलों पर तिरंगा रंग की एलइडी स्ट्रिप्स लगाए जाने के लिए भी निर्देश दिए गए। आज की बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी का मुख्य उद्देश्य नगर वासियों को कार पार्किंग में राहत देना तथा परियोजनाओं में हो रहे आवश्यक अनावश्यक विलंब को कम करना था। ताकि नगर वासियों को प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं जल्द से जल्द प्राप्त हो सके