श्रीराम मित्र मण्डल द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के तीसरे दिन दीप प्रज्जवलन के साथ लीला मंचन का आगाज हुआ
NOIDA ROHIT SHARMA
श्रीराम मित्र मण्डल द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के तीसरे दिन दीप प्रज्जवलन के साथ लीला मंचन का आगाज हुआ। जनकपुर में धनुष यज्ञ की बात सुनकर प्रभु राम मुनि विश्वामित्र के साथ रास्ते में जाते हैं इसी बीच एक आश्रम दिखाई दिया जिसमें पशु पक्षी व जीव जन्तू नहीं थे। भगवान राम ने पत्थर की शिला देखकर विश्वामित्र जी से पूछा, विश्वामित्र ने पूरी कथा राम जी को बताई कि यह शिला गौतम मुनि की पत्नी हैं जो श्राप वश पत्थर की देहधारण किये है। आप की चरण रज से इस पाषाण रूपी अहिल्या का उद्वार हो जायेगा। श्रीराम जी के पवित्र चरणों की रज का स्पर्श पाते ही अहिल्या प्रकट हो जाती हैं एवं भगवान के चरणों में लिपट जाती है और कहती हैं‘‘ मैं नारि अपावन प्रभु जगपावन रावन रिपु जनसुखदायी। राजीव विलोचन, भवभय मोचन पाहि पाहि सरनहिं आई’’। ऐसी प्रार्थना कर अहिल्या पति लोक को चली जाती हैं। अगले दृश्य में मुनि विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण गंगा जी के तट पर पहुंचते हैं जहां पर मुनि गंगा जी के पृथ्वी पर अवतरण की कथा सुनाते हैं। चलते-चलते जनकपुर के निकट पहुंच जाते हैं। विश्वामित्र के आगमन का समाचार सुनकर राजा जनक उनके पास पहुंचते हैं मुनि को प्रणाम कर जब दोनों भाईयों को देखते हैं‘‘ मूरति मधुर मनोहर देखी। भयहु बिदेहु बिदेहु बिसेषी’’। जनक जी अपनी सुध बुध खो बैठते हैं। मुनि जी राम लक्ष्मण का परिचय देते हैं। लक्ष्मण के हृदय में जनकपुर देखने की लालसा होती हैं भगवान राम मुनि से आज्ञा लेकर जनकपुर को देखने चले जाते हैं। लौटकर संध्या वंदन कर सुबह पूजा के लिए गुरू से आज्ञा लेकर पुष्प लेने जाते हैं वहीं पर सीता जी पार्वती जी की पूजा के लिए आती हैं जब राम जी और सीता जी एक दूसरे को देखते हैं एकटक देखते रह जाते हैं सीता जी गिरिजा की पूजा करती हैं और मां से राम जी को पति के रूप में मांगती हैं‘‘ मन जाहि राचेउ मिलहि सोबर सहज सुन्दर साॅंवरों, करूना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरों’’|मां के गले में पड़ा हार टूटकर सीता जी के ऊपर गिरता है और मां प्रसन्न हो जाती हैं |भगवन राम एवं अनुज लक्ष्मण जनकपुर में भ्रमण करते हैं| जहाँ पर जनकपुर वासी उनका रूप देखकर मोहित हो जाते हैं और उनका गुणगान करते नहीं थकते हैं |सभी जनकपुरवासी उनके स्वागत में उमड़ते हैं और उनका जगह जगह स्वागत करते हैं |ऐसी के साथ तीसरे दिन के लीला मंचन का समापन होता है | श्रीराम मित्र मंडल के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि दिनांक 4 अक्टूबर को राजाओं का सम्मान ,धनुष यज्ञ ,बाणासुर संवाद ,लक्ष्मण परशुराम संवाद आदि प्रसंगों का मंचन किया जायेगा | इस अवसर पर प्रधान संरक्षक राकेश यादव, अध्यक्ष डीपी गोयल, मीडिया प्रभारी राघवेंद्र दुबे, महासचिव मुन्ना शर्मा,मुख्य संरक्षक सूबे यादव,मनोज शर्मा ,संजय गोयल ,संजय शर्मा , राजेंद्र कुमार गर्ग, उमाशंकर गर्ग, अनिल गोयल, रविंद्र चौधरी , मुकेश गोयल, अमर शर्मा , मुकेश सिंघल, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गुप्ता, अर्जुन प्रजापति, सहित तमाम श्रीराम मित्र मण्डल के पदाधिकारी व शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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