नई दिल्ली :– दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि दिल्ली में टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेट स्ट्रेटजी के तहत टेस्टिंग को बढ़ाना सुनिश्चित किया गया है, ताकि आम लोगों के लिए टेस्ट कराना आसानी से उपलब्ध हो।
रैपिड एंटीजन टेस्ट में 15-30 मिनट का समय लगता है. जिसके चलते केस का जल्दी पता लगाकर मरीज़ को शुरुआत में ही आइसोलेट करने और ट्रीटमेंट देने में मदद मिलती है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट सभी के लिये आसानी से उपलब्ध हो सके, इसलिये दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में रैपिड एंटीजन की सुविधा फ्लू/फीवर क्लिनिक/ इमरजेंसी के जरिए सातों दिन, 24 घन्टे, रविवार और छुट्टी के दिन भी उपलब्ध रहेगी. नए निर्देश में कहा गया है कि आईसीएमआर के नियमों के अनुसार ही रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किये जायेंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर चल रही जबकि देश में ये दूसरी लहर है. दिल्ली और मुंबई कोरोना से प्रभावित शहरों में सबसे आगे हैं. लेकिन बीते दिनों के ट्रेंड से ऐसा लग रहा है जैसे दिल्ली में कोरोना मामलों में कुछ कमी आने लगी है। कोरोना टेस्टिंग और कोरोना संक्रमण दर से जुड़े पिछले 10 दिनों के आंकड़ों का आंकलन किया है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक, 26 अप्रैल के दिन दिल्ली में 35% संक्रमण दर दर्ज की गई थी. 26 अप्रैल को 57690 लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया था जिसमें से 20, 201 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया था. इस दिन आरटीपीसीएसर टेस्ट की पॉजिटिविटी दर 45.1% पाई गई थी, और रैपिड एंटीजन टेस्ट की पॉजिटिविटी 14.4% थी।
इसी तरह 6 मई को संक्रमण की दर करीब 24.3% दर्ज की गई है. 6 मई के दिन आरटीपीसीआर टेस्ट की पॉजिटिविटी 28.1% पर आ गई है, वहीं रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट की संक्रमण दर घटकर 7.2% पर पहुंच गई है. ये आंकड़े बताते हैं कि राजधानी दिल्ली में संक्रमण की दर की रफ्तार काफी कम हुई है।