प्रथम विश्व सर्प जागरूकता दिवस
भारत के सर्प विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित!
विश्व में लगभग 3600 प्रजाति के सर्प पाये जाते है परंतु अधिकांश विषहीन होते है। भारत में लगभग 270 प्रजाति के सर्प पाये जाते है परंतु चार प्रमुख प्रजातियां यथा करैत,कोबरा सॉ स्केल वाईपर,रसलस वाईपर व कुछ कम विषैले को छोड़ कर लगभग सभी विषहीन होते है।परंतु मनुष्य जैसे ही सांप देखता है उसे मारने का प्रयास करता है।जागरूकता और अनभिज्ञता के अभाव में हमें विषैले और विषहीन में अंतर नहीं कर पाते है। सर्प केवल अपनी रक्षा के लिये ही विष का प्रयोग करता है, अधिकांशत: सर्पदंश के बाद भय के कारण मृत्यु हो जाती है।और बेचारे सर्प मनुष्य के गुस्से के शिकार होते रहते है। सर्प जैवविविधता के अभिन्न अंग है अतः सर्प के बारे में जानकारी और जागरूकता बढ़ा कर मनुष्य और सर्प का आपसी सामंजस्य बनाना आवश्यक है। इस विचार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रखने वाले मदस विश्वविद्यालय अजमेर के पूर्व कुलपति और प्राणी शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. के के शर्मा जिन्होंने भारत के विभिन्न राज्यो के सर्प मित्र, विशेषज्ञों के समूह बनाये है, जिनका प्रमुख उद्देश्य है स्नेक बाईट डेथ फ्री इंडिया के साथ निरंतर सर्प जागरूकता और जानकारी का प्रचार प्रसार करना है। सामान्यत: तापक्रम बढ़ने के कारण अप्रैल माह के बाद बिलो से सर्पो का निकलना प्रारम्भ हो जाता है, इसी को ध्यान में रखते हुए इस समूह ने प्रस्ताव प्रतिपादित किया है कि 11 अप्रैल को प्रथम वर्ल्ड स्नेक अवेयरनेस डे मनाया जाए । सर्प सरक्षण व जागरूकता समूह के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के कारण लॉक डाउन स्थिति में इस दिवस पर दूरभाष,ऑन लाइन संदेशों के माध्यम से सर्प के बारे में जानकारी और जागरूकता का संदेश प्रेषित किया जायेगा। जिससे कोरोना संक्रमण रोकने के साथ साथ सर्प दंश स्थिति से भी लोगो को बचाया जा सके। कृपया इस संदेश को ज्यादातर मित्रो को पहुचाये।