बिना पटाखों के जलाए जाएंगे दशहरा पर रावण परिवार के पुतले, प्रशासन के सख्त आदेश

Abhishek Sharma

ग्रेटर नोएडा -: इस बार दशहरे पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाने पर पटाखों की आवाज नहीं आएगी। प्रशासन ने रामलीला संचालकों को पत्र भेजकर साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों के तहत पुतलों के दहन के दौरान तेज आवाज और बारूद वाले पटाखों का इस्तेमाल नहीं किया जाए। सिर्फ ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

हालांकि इसके लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। रामलीला मंचन में भी निर्धारित ध्वनि का ही प्रयोग किया जा सकेगा।



इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के पैरा-6 में स्पष्ट लिखा है कि त्योहारों पर एनजीटी के आदेशों का पालन कराया जाए। इसी के तहत रामलीला संचालकों को पत्र भेजकर निर्देशित किया गया है कि किसी भी पुतले में बारूद वाले पटाखे न लगाए जाएं।

पुतलों में प्लास्टिक पेंट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई गई है। दुर्गा पूजा में भी इस तरह की सावधानियां बरतने को कहा गया है। दुर्गा पूजा आयोजकों को कहा गया है कि मूर्ति बनाने में मिट्टी के अलावा किसी और प्रतिबंधित चीज का इस्तेमाल न किया जाए। मूर्तियों को रंगने में आर्गेनिक कलर का ही प्रयोग करने के लिए कहा गया है।

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिले में तीनों प्राधिकरण की ओर से मूर्तिकारों का पंजीकरण कराया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण कराए ही मूर्ति बनाकर बेचता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि भजन कीर्तन और जागरण में भी यदि डीजे आदि बजाकर ध्वनि प्रदूषण किया जा रहा है तो उसे भी बंद कराया जाएगा। इस संबंध में आरडब्लूए, सामाजिक संगठन और रामलीलाओं के संचालकों को पत्र भेजकर सूचित कराया जा रहा है।


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