नोएडा-दिल्ली बाॅर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट गौतमबुद्धनगर के डीएम को लगाई फटकार, की फैसले की आलोचना

Abhishek Sharma

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सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के जिलाधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल, कोरोना संक्रमित के घर को सील करने की बजाय पूरे एरिया को सील करने के फैसले की सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जारी गाइडलाइन से उलट किसी जिले के लिए अलग गाइडलाइन नहीं हो सकती। नोएडा डीएम फैसले पर विचार करें।

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि गृह सचिव ने हरियाण, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बैठक की। दिल्ली-हरियाणा सरकार ने आवाजाही पर रोक को हटा दिया है। उत्तर प्रदेश कोरोना को लेकर चिंतित है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सिर्फ आवश्यक सेवाओं की आवाजाही को अनुमति देना चाहता है। तीनों राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और केंद्रीय गृह सचिव के बीच बैठक हुई। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर चिंता जाहिर की।

उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली में 32 हजार से अधिक कोरोना केस है और एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गाजियाबाद और नोएडा में अब तक 40 लोगों की मौत हुई है।

दिल्ली की आबादी नोएडा और गाजियाबाद से चार गुना है, लेकिन संक्रमण की दर 40 गुना अधिक है। दिल्ली संक्रमित लोगों को होम क्वारनटीन कर रही है।

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