ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हुए लीज बैक घोटाले के लिए एसआईटी गठित, सफदपोशों के खुलेंगे नाम?
ABHISHEK SHARMA
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हुए लीजबैक घोटाले की जांच शासन ने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंप दी है। एसआईटी जांच के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ की अध्यक्षता में 8 सदस्यों की कमिटी गठित की गई है। यह कमिटी बुधवार से घोटाले की जांच करेगी।
लीजबैक घोटाले में एसआईटी जांच शुरू होने से लीजबैक कर 3 हजार से लेकर 50 हजार वर्ग मीटर तक पुरानी आबादी बताकर जमीन छुड़वाने वाले सफेदपोश नेताओं और अधिकारियों में हलचल मची हुई है। कई राजनीतिक दलों के नेता और प्रभावशाली लोगों ने गलत तरीके से जमीन लीजबैक कराई है।
नियमों को ताक पर रखकर हजारों एकड़ जमीन छोड़ दी गई। जिससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख में मुंबई के लोगों ने 40 से अधिक बीघा जमीन पर पुरानी आबादी दिखाकर उसे लीजबैक करा लिया था।
इस मामले की जांच यमुना प्राधिकरण के सीईओ से शासन ने कराई थी। जांच में सीईओ ने मामले को फर्जी मानते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। इस मामले में बिसरख कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी।
शासन ने ग्रेटर नोएडा में जितने भी लीजबैक जमीन से संबंधित घोटाले हुए हैं, सभी की जांच यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में गठित 8 सदस्यीय समिति को सौंप दी है।