एमिटी विश्वविधायल में अफ्रीकी प्रतिभागीयों को दिया गया उद्यम विकास प्रशिक्षण, छह देशों के प्रतिभागियों ने की शिरकत

ROHIT SHARMA / ASHISH KEDIA

Galgotias Ad

(05/03/18) नोएडा :–

एमिटी विश्वविधायल के सर रिर्चड रॉर्बट सेंटर फॉर जेनेटकली मॉडिफाइड ऑरगेनिस्म द्वारा  बायोटेक कंसोरियम इंडिया लिमिटेड एंव विदेश मंत्रालय के सहयोग से छह देशों  के 15 अफ्रीकन प्रतिभागीयों हेतु प्लांट टिशु  कल्चर में उद्यम विकास पर तृतीय इंडो अफ्रीकन इंटरनेशनल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बायोटेक कंसोरियम इंडिया लिमिटेड के डीजीएम डा शिव कांत शुक्ला, एमिटी  विश्वविधायल उत्तरप्रदेश  की वाइस चांसलर डा  बलविंदर शुक्ला, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी इंटरनेशनल सेंटर फॉर पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी के चेयरमैन डा सुनिल सर्न एंव एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक डा चंद्रदीप टंडन ने किया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी की डा आभा अग्नीहोत्री एंव सर रिर्चड रॉर्बट सेंटर फॉर जेनेटकली मॉडिफाइड ऑरगेनिस्म की कोआर्डीनेटर डा सुष्मिता शुक्ला भी उपस्थित रही ।
आपको बता दे की एमिटी विश्वविधायल में आयोजित इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न देश जैसे केनिया, युगांडा, तंज़निया, नाइजीरिया, जॉम्बीया एंव चाड से 15 अफ्रीकी प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया। इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागीयो को विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, प्रयोगशाला  में तकनीकी प्रयोगिक जानकारी जैसे स्टरलाइज टेकनीक, प्लांट टिशु कल्चर में मशीनी उपकरणों की जानकारी सहित उत्पादों को व्यवसायिकरण और वित्तीय प्रबंधन की जानकारी प्रदान की जायेगी।
बायोटेक कंसोरियम इंडिया लिमिटेड के डीजीएम डा शिव  कांत शुक्ला ने प्रतिभागीयों को संबोधित करते हुए कहा कि इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य  कृषि क्षेत्र में उद्यम विकास को प्रोत्साहित करना है। जनवरी 2017 से प्रारंभ किये गये इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरीए अब तक 22 देशों के 109 अफ्रीकन प्रतिभागीयों को प्रशिक्षित किया गया है और स्न 2020 तक 270 से अधिक प्रतिभागीयों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।  इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमिटी द्वारा व्यवसायिक प्लांट टिशु  कल्चर पर केन्द्रीत करते हुए आपको व्यवसायिक प्रशिक्षित मानव संसाधन विकसित किया जायेगा जो आज के अफ्रीकन माइक्रो प्रोपागेशन उद्यम की मांग है। हर दिन प्रतिभागीयों को वरिष्ठ वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एंव शोधार्थियों द्वारा व्याख्यान दिया जायेगा।
वही इस कार्यक्रम के दौरान एमिटी विश्वविधालय  उत्तरप्रदेश  की वाइस चांसलर डा  बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी  विश्वविधालय  द्वारा दिये जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदेदष्य अफ्रीकी प्रतिभागीयों को प्लांट टिशु कल्चर के प्रभाव से अवगत करना एंव उन्हे प्रयोगिक  प्रशिक्षण  प्रदान करना है। जिससे वे इंडियन प्लांट टिशु  कल्चर इंडस्ड्री की सफलता को अफ्रीकी देशों मे दोहरा सकें। यह  प्रशिक्षण  द्वारा को इस क्षेत्र में उद्यम विकास हेतु प्रोत्साहित भी करेगा। किसी भी देश  का यह बहुत ही मुख्य एंव महत्वपूर्ण कार्य होता है कि वो भोजन उत्पादो की गुणवत्ता एंव मात्रा को बढ़ाने के लिए शोध कार्य करें ऐसे में यह प्रशिक्षण  कार्यक्रम सभी को  उद्यम बनने में सहायता प्रदान करेगा।
एक अफ्रीकन प्रतिभागी केनिया के नूलैड लिमिटेड के एग्रीबिजनेस विभाग के जोसफ कमाटा ने कहा कि इस  प्रशिक्षण  कार्यक्रम का उपयोग करके वे अपने देश  में प्लांट टिशु  का व्यवसायिकरण करके अपना उद्यम प्रारंभ करेंगे। केनिया के जार्ज ओटियेनो ने कहा कि यहां प्राप्त  प्रशिक्षण  की जानकारी से वे अपने देश  में गन्ने का उत्पादन को बढ़ाने मे मदद करेगें। साथ ही इस कार्यक्रम के अवसर पर  एमिटी विश्वविधालय  के शिक्षकगण एंव शोधार्थि उपस्थित रहे ।
Leave A Reply

Your email address will not be published.