मुचलका पाबंद को लेकर नोएडा विधायक ने जिला प्रशासन पर कसा तंज , निवासियों से कहा “आपके साथ गलत नहीं होने दूंगा”

ABHISHEK SHARMA

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Greater Noida (05/10/19) : आजकल अक्सर देखा जाता है कि सोसाइटी में किसी ना किसी बात को लेकर झगड़े की खबर आती रहती हैं। इन खबरों को लेकर जिला प्रशासन बेहद सख्त नजर आ रहा है और सोसाइटी में माहौल खराब करने वाले लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं।  सोसाइटी में रहने वाले लोगों के बीच मेंटेनेंस, सुविधाओं की कमी समेत अन्य मामलों को लेकर विवाद होता रहता है।

इस तरह के मामलों में जिला प्रशासन दोनों पक्षों को मुचलका में पाबंद करेगा। जिस तरह का विवाद होगा , उसी के मुताबिक उन पर मुचलका पाबंद की कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।   माहौल खराब करने वाले लोगों को 3 दिन के भीतर सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होना होगा।  अगर कोई इसकी अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा। जिला प्रशासन शहर की सोसाइटियों से आए विवाद को इसी के आधार पर सुलझा रहा है।



वही इस बारे में जब सोसाइटी वासियों ने इसकी शिकायत नोएडा विधायक पंकज सिंह से की तो उन्होंने अजनारा ग्रैंड हेरीटेज सोसाइटी में दुर्गा पूजा के दौरान कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात उठाने से आप लोगों को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है और इस मुद्दे पर सभी निवासियों के साथ मैं खड़ा हूं।

उन्होंने कहा कि चाहे कोई अधिकारी, बिल्डर या कोई नेता हो वह आपके साथ गलत कर रहा है। तो पूरे जोर-शोर के साथ उसका विरोध करें, लेकिन यह सब लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। उनका कहना है कि अगर किसी बिल्डर ने आपको वादा किया है और वह उसे नहीं निभा रहे हैं, तो आपको पूरा अधिकार है कि आप उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें और अपने हक की लड़ाई लड़े।

वहीं उन्होंने कहा कि मैं आप सब लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि कोई अधिकारी या बिल्डर आपके साथ गलत नहीं कर सकता क्योंकि हमारे देश का लोकतंत्र उसको यह इजाजत नहीं देता है।

आपको बता दें कि इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि गौतम बुध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि सोसायटी में विवाद करने वाले लोगों पर मुचलका पाबंद की कार्रवाई की जाएगी।

उनका कहना है कि अक्सर सोसायटी में ज्यादातर मामले निर्वाचन नहीं होने, विद्युत व मेंटेनेंस का शुल्क जमा नहीं करने व पैसों के लेनदेन के आ रहे हैं। विवाद बढ़ने पर सोसाइटी में अशांति का माहौल उत्पन्न होता है, जिससे वहां रह रहे अन्य ;लोग इससे प्रभावित होते हैं। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष पुलिस व प्रशासन से शिकायत करते हैं। पुलिस की जांच में अधिक समय लगता है और कुछ मामलों का निस्तारण नहीं हो पाता है। प्राधिकरण में भी इस तरह के अनेकों मामले लंबित हैं जिनका निस्तारण नहीं हो पा रहा।

सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में 15 से अधिक मामले उनके न्यायालय में आए हैं। जिनकी जांच करने पर पता चला कि दोनों पक्षों में विवाद का मुख्य कारण मेंटेनेंस, सोसाइटी में चुनाव न होना, बिजली कनेक्शन काट देना, प्रीपेड बिजली मीटर से मेंटेनेंस का पैसा काटना समेत बहुत से मामले हैं, जिनको लेकर सोसाइटी में अशांति का माहौल पैदा होता है।

जिला प्रशासन ने तय किया है कि अब तक कई मामलों में दोनों पक्षों को 50 हजार से लेकर ₹5 लाख तक के मुचलका पाबंद किया गया है। उन्हें 3 दिन के अंतराल पर न्यायालय में उपस्थित होना पड़ रहा है। न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर कुछ लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

शैलेंद्र मिश्र का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई होने से लोगों में आगे के लिए डर पैदा होता है क्योंकि जब तक इंसान की जेब पर बोझ नहीं पड़ता तो उसे सबक नहीं मिलता है। इस तरह की कार्रवाई से आगे ऐसे मामले आने की कम संभावना है।

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